पाकिस्तान वर्तमान में बुरे दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर 48 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जिससे आम आदमी का जीना दूभर हो गया है.
विदेशी मुद्रा के घटते भंडार के चलते पाक के लिए अपनी जरूरत की सभी वस्तुओं का आयात करना संभव नहीं है। इससे लोगों को आटा, चावल जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं नहीं मिल पा रही हैं। हालांकि ये वस्तुएं उपलब्ध हैं, किंतु इनकी कीमत सामान्य से कई गुना अधिक है। इस बीच वर्ल्ड बैंक ने इस तरह पाकिस्तान को झटका दिया है।
विश्व बैंक ने पाकिस्तान की विकास दर को कम कर दिया है। विश्व बैंक ने पाकिस्तान की विकास दर को 2 फीसदी से घटाकर 0.4 फीसदी कर दिया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक ने कहा है कि अलग अलग आर्थिक झटकों की वजह से इस वित्त वर्ष में करीब 40 लाख पाकिस्तानी गरीबी के आगोश में आ गए हैं.
बेल आउट पैकेज भी नहीं मिला
पाकिस्तान को इस आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए IMF बेलआउट पैकेज की सख्त जरूरत है. मगर पाकिस्तान को ये पैकेज अभी तक नहीं मिला है. पाकिस्तान सरकार लगातार 1.1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज हासिल करने की कोशिश कर रही है. इसके लिए उन्होंने आईएमएफ की सभी शर्तें भी मानीं। लेकिन उन्हें अभी तक पैकेज नहीं मिला है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार 10 अप्रैल को आईएमएफ की बैठक में शामिल होने वाले थे।
जानकारी के अनुसार, घरेलू राजनीतिक उथल-पुथल के चलते उन्होंने अपना वाशिंगटन दौरा रद्द कर दिया था। यह बैठक 1.1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए जरूरी थी। 2019 में स्वीकृत 6.6 बिलियन डॉलर में से पाकिस्तान 1.1 बिलियन डॉलर की फंडिंग की मांग कर रहा है।
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