पाकिस्तान का अफगानिस्तान की नई हुकूमत तालिबान से प्यार कोई नई बात नहीं है. वहीँ आपको बता दें कि तालिबान को मान्यता देने में दुनिया की देरी से पाकिस्तान के पेट में दर्द हो रहा है। शुरू से ही तालिबान के लिए खुलकर बैटिंग करने वाले पाकिस्तान ने कहा है कि अगर अमेरिका तालिाबन को मान्यता नहीं देता है तो स्थिति बदतर हो जाएगी।
आपको बता दें कि स्थानीय मीडिया ने बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर अमेरिका तालिबान के साथ बातचीत नहीं करता है और उसकी मान्यता पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाता है तो इससे क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बता दें कि पाकिस्तान की दुनिया न्यूज ने शनिवार को बताया कि इमरान खान ने शुक्रवार को एक रूसी मीडिया संस्थान के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि अफगानिस्तान वर्तमान में पूरे क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि देश एक ऐतिहासिक चौराहे पर है।
गौरतलब है कि अमेरिका के खिलाफ तालिबान को पाकिस्तान की सहायता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने तालिबान को अमेरिका के खिलाफ जीतने में मदद की, तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान अमेरिका और पूरे यूरोपीय लोगों से ज्यादा मजबूत है और इतना मजबूत है कि वह हल्के हथियारों से लैस करीब 60 हजार लड़ाकों वाली फौज बनाने में सक्षम है, जिसने हथियारों से लैस 300000 की संख्या वाले बल को हराया।