अजब-गजब॥ हमारे देश की आधी जनसंख्या 23 बरस से कम उम्र की है जबकि इसमें 65 % 34 साल से कम उम्र की है। इस युवा देश के मौके का दोहन करने के लिए, युवाओं की भलाई सुनिश्चित करना जरूरी है। ऐसे में प्रजनन स्वास्थ्य एक जरूरी कारक है। हाल ही में इंडिया में पहली बार ‘कंडोमोलॉजी’ जारी की गई है।
भारत में 80 प्रतिशत पुरुषों ने कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया है। ये रिपोर्ट ग्राहक मनोविज्ञान और कंडोम के प्रति दृष्टिकोण का विश्लेषण करती है। इस रिपोर्ट को कंडोम एलायंस , मार्केट में मौजूद कंपनियों और कई समूहों द्वारा तैयार की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार इंडिया में कंडोम का प्रयोग बेहद ही कम है। इंडिया में सिर्फ 5.6 % लोग ही कंडोम का इस्तेमाल करते हैं। रिपोर्ट कहती हैं कि, संरक्षित सेक्स और गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल के बारे में सामाजिक कंडीशनिंग और सामाजिक निर्णय अभी भी बाधाएं हैं जिनसे भारत के युवा अभी तक उबर नहीं पाए हैं।
हमारे देश में गर्भ निरोधक के कम उपयोग को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि कंडोम की जरूरत, इसका इस्तेमाल करने का सही तरीका और इसे कैसे खरीदना है के पीछे प्रमुख वजह लोगों की झिझक है। कन्डोम एलायंस की सदस्य और भारत के प्रमुख डिजिटल यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और अधिकार सूचना मंच लव मैटर्स की संस्थापक विथिका यादव कहती हैं कि भारत की मौजूदा जनसांख्यिकी गर्भनिरोधक के आसपास खुले, ईमानदार और आकर्षक संचार की मांग करती है।