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Up Kiran, Digital Desk: गुरुवार सुबह अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़े एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान AI-171 के क्रैश होने की खबर ने पूरे देश को हिला दिया। टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद हादसा हुआ और विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौके पर ही मौत हो गई वही एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की हालत भी गंभीर है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह हादसा इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर का पहला घातक क्रैश है। हादसे के बाद विमान की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। बोइंग पहले से ही गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सवालों के घेरे में है।
2024 में ही दी गई थी चेतावनी अब फिर उठे सवाल
इस बीच हादसे के बाद बोइंग इंजीनियर सैम सालेहपौर की वो चेतावनी एक बार फिर चर्चा में है जो उन्होंने 2024 में अमेरिकी विमानन एजेंसी FAA को दी थी। सालेहपौर ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 787 ड्रीमलाइनर और 777 मॉडल में गंभीर निर्माण खामियां हैं जिनसे भविष्य में बड़े हादसे हो सकते हैं।
सालेहपौर का दावा था कि बोइंग ने उत्पादन में तेजी लाने के लिए सुरक्षा से समझौता किया और फ्यूजलेज (मुख्य ढांचा) में जो हिस्से जोड़े गए उनमें बने छोटे गैप्स को ठीक से नहीं भरा गया। इससे विमान पर उड़ान के दौरान अतिरिक्त तनाव पड़ता है जो समय के साथ जानलेवा साबित हो सकता है।
'विनाशकारी हादसे' की चेतावनी को नजरअंदाज किया गया
इंजीनियर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि बोइंग के प्रोडक्शन प्लांट में शॉर्टकट अपनाए जा रहे हैं जो विमानों की उम्र घटा सकते हैं और एक दिन “विनाशकारी हादसे” का कारण बन सकते हैं। दुर्भाग्य से गुरुवार को यही चेतावनी हकीकत बनती नजर आई।
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