
लखीमपुर: उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के लखीमपुर जिले में किसानों की मेहनत और भारत सरकार (Pm Kisan Yojana) के सहयोग से लगभग एक हजार एकड़ में उन्नत किस्म के एक्सपोर्ट क्वालिटी के केले की खेती हो रही है . यहाँ से चालीस टन केले की पहली खेप ईरान के लिए निर्यात हेतु रवाना की जा चकी है . उत्तर प्रदेश से केला निर्यात किये जाने का यह पहला मौका है .
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले APIDA के यूपी, बिहार, झारखंड के प्रमुख सी बी सिंह कहते हैं,कि इससे यूपी में केले की पैदावार करने वाले किसानों का केला सीधे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में जाएगा और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. किसानों की आमदनी बढ़ेगी. यही नहीं, इस प्रयास के बाद लखीमपुर के किसान एक मॉडल के रूप में सामने आएंगे. इसके बाद गोरखपुर और वाराणसी में भी इसी तकनीक से निर्यात का प्रयास किया जा रहा है. (Pm Kisan Yojana)
केले को ईरान तक पहुँचाने के लिए 40 फ़ीट के दो कंटेनर का प्रयोग किया जाएगा जो मुंबई के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से ईरान के लिए भेजे जाएंगे< ईरान भेजा जा रहा केले का कंसाइनमेंट लखनऊ में मलीहाबाद के पैक हाउस में पैक किया गया है. यहां से यह सड़क से कानपुर तक जाएगा. (Pm Kisan Yojana)
यूपी के किसानों के लिए पहला मौका
कानपुर से ट्रेन से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट पहुंचेगा जहां से यह ईरान के लिए रवाना होगा. इसके निर्यात के लिए काम करने वाले देसाई एग्रो (Desai Agro)के प्रमुख अजीत देसाई लखीमपुर के किसानों का विशेष प्रशिक्षण भी करवा चुके हैं. उनका कहना है कि वर्तमान में बहुत उन्नत तकनीक से केले के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. यह प्रयोग महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, छत्तीसगढ़ में हो चुका था पर यूपी के किसानों के लिए ये पहला मौका है. (Pm Kisan Yojana)
उन्होंने आगे कहा कि अभी दुनिया में केले के उत्पादन का 30 प्रतिशत भारत में होता है पर विश्व बाज़ार में टॉप की कम्पनियों में 3 अमेरिकी और 1 आयरलैंड की कम्पनी है. इसलिए देश में केले का उत्पादन करने वाले किसानों को उन्नत टेक्निक से उसकी क्वालिटी बढ़ाने की ज़रूरत है. (Pm Kisan Yojana)
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