PM Kisan Yojana :अब यूपी के 90 लाख किसानो को नहीं मिल पाएगा सम्मान निधि का लाभ, जानें क्या है बड़ी वजह

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यूपी के करीब नब्बे लाख किसान अब नहीं पा सकेंगे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ। जी हाँ बतादें की केंद्र सरकार द्वारा इस निधि का लाभ पाने के लिए हर लाभार्थी किसान की ईकेवाईसी करवाए जाने के आदेश दिए थे। बावजीउड इसके 90 लाख किसानो को नहीं मिल पाएगा सम्मान निधि का लाभ न दिए जाने की पीछे क्या कारण है आइये जानते है। जैसा की आप सब जानते ही होंगे कि, केंद्र सरकार द्वारा इस निधि का लाभ पाने के लिए हर लाभार्थी किसान की इसकी समय सीमा 31 जुलाई तक तय की गई थी। (PM Kisan Yojana )

एक करोड़ 70 लाख किसानों की ही पूरी हो सकी ईकेवाईसी

आदेश यह भी दिए गए थे कि 31 जुलाई तक ईकेवाईसी नहीं करवा पाने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि की सितम्बर में मिलने वाली बारहवीं किस्त का लाभ नहीं मिल सकेगा। कृषि निदेशालय से मिले आंकड़ों के अनुसार अभी तक कुल 2 करोड़ 60 लाख किसानों को इस निधि का लाभ मिल रहा था। मगर 31 जुलाई तक महज एक करोड़ 70 लाख किसानों की ही ईकेवाईसी पूरी हो सकी। (PM Kisan Yojana )

दो करोड़ 60 लाख किसानों के खातों में भेजी जा चुकी

इस तरह से करीब नब्बे लाख किसानों के नाम अब इस योजना की सूची से हटा दिए जाएंगे। फरवरी 2019 से शुरू हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत छोटी जोत के किसानों को छह हजार रुपये वार्षिक की दर से निधि का लाभ मिलना शुरू हुआ था। चार-चार माह के अंतराल पर तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये की राशि सीधे लाभार्थी किसानों के खाते में भेजी जाती है। जनवरी से अप्रैल की 11वीं किस्त की राशि प्रदेश के दो करोड़ 60 लाख किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है। मगर अब सितम्बर में 12वीं किस्त की राशि पाने वाले किसानों की तादाद घट जाएगी। (PM Kisan Yojana )

ईकेवाईसी के तहत लाभार्थी किसानों के बैंक खातों को उनके आधार और पैन से जोड़ा जा रहा था। बताते चलें कि बीती 16 जुलाई को बंगुलुरू में राज्यों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने केन्द्रीय कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही से ईकेवाईसी की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 अगस्त तक किए जाने का अनुरोध किया था। मगर यह समय सीमा बढ़ नहीं सकी। ईकेवाईसी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद तमाम ऐसे लाभार्थी किसानों जो आयकरदाता हैं या जिनका देहांत हो गया या फिर वह संवैधानिक पदों पर हैं के नाम सूची से कटना शुरू हुए। (PM Kisan YojanA)

 

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