प्रभु श्रीराम ने ‘धोपाप’ में स्नान के बाद दियरा में जलाया था पहला ‘दीया’

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सुल्तानपुर, 02 अगस्त। जहां श्रीराम ने लंका पर विजय हासिल करने के बाद पहला दीया जलाया, सीता ने स्नान किया, उस कुश की नगरी में श्रीराम मंदिर निर्माण की नींव पूजन की संध्या पर लाखों दीये जलाएं जायेंगे। ऐतिहासिक स्थल दियरा में 21 सौ दीप जलाकर लोग खुशी मनायेंगे। यहां के लोग दीपोत्सव जैसा जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं।

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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नींव पूजन के दिन शाम को नगर में खुशियों का माहौल होगा। नगर के चौराहों पर दीप से सजाएं जायेंगे। सीताकुंड धाम पर रंगोली के साथ दीप जलाया जाएगा।

राष्ट्रीय जन उद्योग व्यापार संगठन के प्रदेश महामंत्री आलोक आर्य ने रविवार को बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के नींव पूजन की शाम लोग अपने घरों में रंगोली बनायेंगे, दीप जलायेंगे। नगर के प्रमुख चौराहों पर भी दीपोत्सव होगा। सीता कुंडधाम पर रंगोली बनाया जाएगा। हजारों दीए से रोशन होगा।

गोमती मित्र मंडल के मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने कहा कि सीता कुंड धाम पर 11 सौ दीप प्रज्ज्वलित करके प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा। इस मौके को अविस्मरणीय बनाने के लिए महिला मंडल द्वारा पूरे धाम परिसर में रंगोली की सजावट किया जाएगा।

मान्यता है कि लंका पर विजय पाने के बाद भगवान श्रीराम ने जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र के दियरा में आदि गंगा माँ गोमती के तट पर प्रभु श्रीराम ने स्नान कर ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाई थी। धोपाप स्नान के पश्चात ही भगवान श्रीराम ने आदि गोमती नदी के किनारे पहला दिया जलाया था। उसी स्थान को दियरा कहा जाने लगा।

उसी समय से दीपोत्सव मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है। दियरा में दीप जलाने के बाद बगल स्थित गांव हरसायन नागापुर में भगवान शयन (विश्राम) भी किए थे। आसपास के लोग गांव का नाम आज भी हरिशयनी के नाम से ही पुकारते हैं।

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