सड़क पर पहुंचते ही महिला का प्रसव हो गया। बच्चा सड़क पर गिर गया। पति के चीखने पर आसपास की महिलाओं ने चादर का पर्दा लगाकर प्रसूता को संभाला, लेकिन नवजात की कुछ देर बाद ही मौत हो गई। इससे गुस्साए लोगों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर सड़क जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। सीएमओ ने इस मामले में डिप्टी सीएमओ को जांच सौंपकर रिपोर्ट तलब की है। गोंडा जिले के धानेपुर पहड़वाभा निवासी शेर मोहम्मद अपने परिवार के साथ रोजी रोटी के सिलसिले में अरसे से विशेश्वरगंज के बड़ागांव खरकट्टनपुरवा में रह रहे हैं। रविवार देर रात शेरमोहम्मद की पत्नी मेहनाज (३०) को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इस पर पति ने तड़प रही पत्नी को वाहन का इंतजाम कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विशेश्वरगंज पहुंचाया। स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी डाक्टर नहीं था। ड्यूटी पर स्टाफ नर्स लता पांडेय थीं। पीड़ित शेर मोहम्मद का कहना है कि स्टाफनर्स लता ने आपरेशन से प्रसव कराने की बात कही। इसके लिए स्टाफ नर्स ने पांच हजार रुपये की डिमांड की। शेर मोहम्मद ने इतना पैसा न दे पाने की बात कही तो इस पर स्टाफ नर्स भड़क उठी। शेर मोहम्मद का कहना है कि स्टाफ नर्स ने पत्नी को अस्पताल से भगा दिया। विरोध करने पर अपशब्दों का भी प्रयोग किया। शेर मोहम्मद पत्नी को कंधे पर लादकर अस्पताल गेट के सामने सड़क पर पहुंचा तभी प्रसव हो गया। बच्चे के सड़क पर गिरने से कुछ देर बाद ही नवजात ने तड़प कर दम तोड़ दिया। पूरी रात प्रसूता अस्पताल के सामने सड़क पर पड़ी रही। रात की घटना से गुस्साए लोगों ने सुबह 10 बजे विशेश्वरगंज इकौना मार्ग पर जाम लगाकर संवेदनहीनता के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। इससे अफरा तफरी की स्थिति बन गई। सूचना पाकर दोपहर में उपजिलाधिकारी पयागपुर संतोष उपाध्याय ने मौके पर पहुंचकर गुस्साए लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत किया। एसडीएम ने बताया कि वह जांच कर रिपोर्ट डीएम को भेज रहे हैं। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके पांडेय ने पूरे मामले की जांच डिप्टी सीएमओ को सौंपी है। सीएमओ ने कहा कि मामला काफी गंभीर है, दोषी को कतई बक्शा नहीं जाएगा।
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