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Punjab News: पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत 21 जनवरी तक जारी रहेगी। हाईकोर्ट ने 1991 में मोहाली के मटौर थाने में बलवंत सिंह मुल्तानी अपहरण और हत्या मामले में मई 2020 में दर्ज एफआईआर में आरोप तय करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।

आज इस मामले में पंजाब सरकार और शिकायतकर्ता ने सैनी की याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया, हाई कोर्ट ने सैनी को 20 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और सुनवाई 21 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी भी पक्ष की ओर से समय नहीं मांगा जाएगा। अगली सुनवाई में अगर कोई समय मांगता है तो सैनी को दी गई अंतरिम राहत वापस ली जा सकती है।

सैनी ने अपने विरुद्ध दर्ज इस एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।

बता दें कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने अपनी याचिका में कहा है कि राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें लगातार किसी न किसी मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है। 1991 के मामले में 2020 में एफआईआर दर्ज की गई। पहले अपहरण का मामला बनाया गया और बाद में इसमें हत्या की धारा जोड़ दी गई।

मामला चंडीगढ़ का था लेकिन एफआईआर मोहाली में दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने आईजी और डीजीपी पद पर रहते हुए उनके विरुद्ध किसी भी मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। लेकिन पंजाब सरकार ने इस आदेश से बचने का नया रास्ता निकालते हुए 1991 में एक केस बनाया जब वह एसएसपी के पद पर थे। इसलिए सैनी ने हाई कोर्ट से इस एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई है।

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