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Punjab News: मोदी सरकार ने अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के ड्रीम प्रोजेक्ट को झटका दिया है। सुखबीर बादल ने अपनी सरकार में जल बसें चलाने की घोषणा की थी। जिस पर अब केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है।

तत्कालीन डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने नहरों में बसें चलाने की बात कही थी। 2015 में तत्कालीन केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी बठिंडा आए थे तो तत्कालीन डिप्टी सीएम बादल ने उन्हें इंदिरा गांधी नहर दिखाई थी। गडकरी के कार्यक्रम के दौरान ही डिप्टी सीएम ने नहरों में बसें चलाने की बात कही थी। बेशक गठबंधन सरकार ने जल बस शुरू की, मगर इंदिरा गांधी नहर में जल बस और नाव चलाने की योजना अब बंद हो गयी है।

यानी अब केंद्र सरकार ने पंजाब के हरिके से शुरू होने वाली इंदिरा गांधी नहर को राष्ट्रीय जलमार्ग बनाने की योजना रद्द कर दी है। इंदिरा गांधी नहर में जल बसें और नावें चलने की उम्मीदें अब खत्म हो गई हैं। केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने संसद में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इंदिरा गांधी नहर को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया था, मगर अब जब व्यवहार्यता रिपोर्ट पूरी हो गई है, तो उनके अनुसार, यह नहर बनने के लिए उपयुक्त नहीं है।

उन्होंने कहा कि निचले पुलों के कारण इंदिरा गांधी नहर जल बसों और नावों के आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं है। लिखित उत्तर के अनुसार यह नहर 650 किमी लम्बी है जिसका 19.83 किमी भाग हरियाणा में भी गुजरता है। पता चला है कि जब राजस्थान सरकार ने नहर की मरम्मत की थी तो उस वक्त पुलों को नहीं तोड़ा गया था क्योंकि नहर को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित कर दिया गया था।

पहले केंद्र सरकार की इंदिरा गांधी नहर में जल वाहन चलाने की योजना थी। इंदिरा गांधी नहर हरिके से शुरू होती है और पंजाब के फिरोजपुर, फरीदकोट, मुक्तसर और बठिंडा जिलों से होकर गुजरती है और आगे राजस्थान में प्रवेश करती है।

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