राजस्थान: कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू, पायलट व समर्थित विधायक इस बार…

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जयपुर, 14 जुलाई। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर आया सियासी संकट मंगलवार को पांचवें दिन भी दूर नहीं हो पाया है। आलाकमान के निर्देशों पर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और समर्थित विधायकों की मान-मनौव्वल के लिए मंगलवार सुबह दूसरी बार होटल में विधायक दल की बैठक बुलाई गई लेकिन इसमें पायलट और उनके करीबी विधायक शामिल नहीं हुए।

उप मुख्यमंत्री पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) का नोटिस मिलने के बाद से नाराज हैं। उन्‍होंनेे तीस कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। सोमवार को मुख्‍यमंत्री आवास पर दिन भर सियासी ड्रामा चलने के बाद कांग्रेस ने इस मामले को निपटाने के लिए मंगलवार सुबह 10.30 बजे होटल में  दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाई। इसमें बगावत पर उतरे उपमुख्यमंत्री पायलट और उनके समर्थक विधायकों को बुलाया गया लेकिन वे नहीं पहुंचे।

वहीँ इससे पहले पायलट के करीबी वरिष्‍ठ विधायक भंवरलाल शर्मा का बयान आया कि पायलट के साथ मौजूद कोई विधायक पार्टी से नाराज नहीं है। उनकी नाराजगी सिर्फ गहलोत की नीति और कार्यशैली से है। उन्होंने कहा कि वे फ्लोर टेस्ट में अपनी ताकत दिखाएंगे। विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन व अविनाश पांडे के साथ बैठक की और आगामी रणनीति पर चर्चा की।
विधायक दल की बैठक से 19 नदारद

सीएम आवास पर विधायकों की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और बर्खास्त किया जाए। पायलट खेमे का दावा है कि विधायक दल की बैठक में जो 19 विधायक नहीं पहुंचे उनमें दीपेंद्र सिंह शेखावत, राकेश पारीक, जीआर खटाना, मुरारी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह शक्तावत, इंद्रराज सिंह गुर्जर, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावडिय़ा, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, हरीश मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी व अमर सिंह जाटव शामिल हैं। इनके अलावा जिन तीन निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस ने अपनी संबद्धता सूची से हटाया था, उनके सहित करीब 30 विधायक हमारे साथ हैं।

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