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Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी कंपनी राजकॉम्प में हाल ही में भ्रष्टाचार की एक नई घटना का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार, राजकॉम्प के एक वरिष्ठ अधिकारी प्रद्युम्न दीक्षित ने अपनी पत्नी को प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से कंपनी के एक प्रोजेक्ट में नियुक्त कर लाखों रुपये का फायदा पहुंचाया। सीएम ऑफिस ने इस मामले की जांच के लिए डीओआईटी को निर्देश दिए थे, मगर उच्च अधिकारियों ने केवल 17 सीसी नोटिस जारी कर इस केस को दबा दिया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रद्युम्न दीक्षित ने प्राइवेट कंपनी AURIONPRO के साथ मिलकर कंपनी को मैनपावर और डेटा सेंटर सेवाओं के अनुचित लाभ देने की साजिश की। बदले में दीक्षित ने अपनी पत्नी पूनम को AURIONPRO के माध्यम से राजकॉम्प में ठेके पर नियुक्त कराया और स्वयं ही उसकी उपस्थिति की पुष्टि की। इस प्रोजेक्ट के नाम पर पूनम को लाखों रुपये का पेमेंट भी किया गया।

मामले की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने डीओआईटी को जांच के निर्देश दिए। हालांकि, विभाग के उच्च अधिकारियों ने प्रद्युम्न दीक्षित को केवल 17 सीसी नोटिस जारी किया और उसे मामले से बाहर कर दिया।

डवोकेट टीएन शर्मा, जो पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के सदस्य हैं, ने इस मामले पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने दो बार मुख्य सचिव और दो बार डीओआईटी सचिव को रिप्रेजेंटेशन देकर उचित कार्रवाई की मांग की। शर्मा का कहना है कि यह मामला पीसी एक्ट के तहत आता है, मगर सिर्फ 17 सीसी नोटिस जारी कर इसे समाप्त किया जा रहा है।

बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के संकेत

राजकॉम्प में भ्रष्टाचार की यह घटना सरकारी कंपनी में चल रहे बड़े पैमाने के भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। आला अफसरों की मिलीभगत के चलते, प्रद्युम्न दीक्षित के खिलाफ केवल औपचारिक चेतावनी दी गई है, जबकि मामले की गंभीरता को देखते हुए ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

 

 

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