Rajasthan News: संभल में मस्जिद के सर्वे का विवाद अभी भी जारी है, जबकि अजमेर में ऐतिहासिक 'अढ़ाई दिन का झोंपड़ा' के सर्वे की मांग तेज हो गई है। अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने इस स्थल को एक मंदिर बताकर मामला और गरमा दिया है।
अढ़ाई दिन का झोंपड़ा, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित किया गया है, अजमेर दरगाह के पास स्थित है और इसे देश की प्राचीन मस्जिदों में से एक माना जाता है। डिप्टी मेयर के अनुसार, यहां से मिली 250 से अधिक मूर्तियों में स्वास्तिक, घंटियां और संस्कृत के श्लोक हैं, जो मंदिर के अस्तित्व का प्रमाण हैं।
नीरज जैन का कहना है कि अढ़ाई दिन का झोंपड़ा पहले एक जैन मंदिर था, जिसे 660 ई. में सेठ वीरमदेव काला ने बनवाया था। 1192 में मोहम्मद गोरी के आक्रमण के बाद इसे नष्ट कर मस्जिद में बदल दिया गया। अब यह मांग उठ रही है कि अढ़ाई दिन का झोंपड़ा भी नालंदा विश्वविद्यालय की तरह अपने प्राचीन वैभव को पुनः प्राप्त करे, जिसके लिए ASI से सर्वे की अपील की जा रही है।
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