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2024 लोकसभा इलेक्शन से कुछ महीने पहले कांग्रेस ने शनिवार को संगठन में जरुरी बदलाव किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी टीम में 12 महासचिवों और 12 प्रदेश प्रभारियों की नियुक्ति की है। इनमें दो ऐसे नाम हैं, जिन पर सबकी नजरें हैं। पहला, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जिन्हें उत्तर प्रदेश से हटा दिया गया है।

दूसरा नाम राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का है। राज्य के हालिया विधानसभा इलेक्शन में करारी हार के बाद माना जा रहा था कि पायलट को कांग्रेस हाई कमान बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। उन्हें या तो राजस्थान कांग्रेस का वापस अध्यक्ष बनाया जा सकता है या फिर नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। मगर नए फेरबदल में सचिन पायलट को राजस्थान से लगभग बाहर कर दिया गया।

उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। पायलट जैसे युवा और लोकप्रिय चेहरे को राजस्थान से बाहर निकाले जाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। करारी हार के बाद भी भारी पड़ गए। गहलोत समेत पांच राज्यों के विधानसभा इलेक्शन में कांग्रेस ने चार राज्य गंवा दिए। इसमें से तीन हिंदी हार्टलैंड वाले प्रदेश हैं।

राजस्थान में अपनी योजनाओं के बल पर अपनी वापसी का दम भर रहे अशोक गहलोत को उस समय झटका लगा जब कांग्रेस महज 69 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। इसके बाद यह साफ था कि अशोक गहलोत पर हार का ठीकरा फूटेगा और अब शायद ही उनकी कांग्रेस में ज्यादा चल सके। मगर संगठन के हालिया फेरबदल से साफ है कि राजस्थान को लेकर गहलोत की काफी चली है। 

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