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लखनऊ। बीजेपी सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एमपी एमएलए कोर्ट ने छह साल पुराने एक मामले में रीता बहुगुणा और राज बब्बर समेत नौ आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने 20 अगस्त को गवाहों को गवाही होगी। ये मामला लक्ष्मण मैदान में प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमले और तोड़फोड़ से संबंधित है।

उस समय रीता बहुगुणा यूपी कांग्रेस अध्यक्ष थी। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गई। यूपी की बीजेपी सरकार ने रीता के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लेने के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में राजधानी स्थित लक्ष्मण मैदान में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ पुलिसकर्मियों पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।

विशेष अदालत ने इस मामले को गंभीर माना था। रीता बहुगुणा, राज बब्बर, प्रदीप जैन, अजय राय, निर्मल खत्री, राजेश पति त्रिपाठी और मधुसूदन मिस्त्री समेत 17 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।

तत्कालीन सब इंस्पेक्टर प्यारेलाल ने 17 अगस्त, 2015 को सभी आरोपियों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की थी।

रीता बहुगुणा के नेतृत्व में लक्ष्मण मेला मैदान से विधानसभा की ओर जाते समय भीड़ ने पुलिस बल पर पथराव और तोड़फोड़ की थी। इस भीड़ में लगभग पांच हजार लोग शामिल थे। आरोपों के मुताबिक़ इस हमले में कई वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए थे।

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