ब्लड कैंसर जेनेटिक होता है या नहीं, जानें ये जरुरी जानकारी

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देश में कैंसर पीड़ितों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। WHO की रिपोर्ट की मानें तो बीते बीस वर्षों में पूरे विश्व में ब्लड कैंसर के केस 23 फीसदी तक बढ़े हैं। इसके कई प्रकार है। इनमें से ही एक है ब्लड कैंसर। ब्लड कैंसर को लेकर बहुत से लोग अस्पष्ट रहते हैं कि क्या ये एक जेनरेशन से दूसरे जेनरेशन तक पहुंच जाता है। आईये आज की खबर में जानते हैं।

सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ब्लड कैंसर होता क्या है। ऑन्कोलॉजिस्ट का कहना है कि कई प्रखार के कैंसर जेनेटिक हो सकते हैं। उदाहरण के तौर पर ब्रेस्ट कैंसर में एक से दूसरी जनरेशन में जाने का रिस्क रहता है, मगर ब्लड कैंसर के जेनेटिक होने की आशंका नहीं होती।

ब्लड कैंसर तब होता है जब शरीर में ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। अगर बचपन में ही ब्लड सेल्स की कमी होती है तो कम उम्र में ही ब्लड कैंसर हो सकता है। ऐसे में ये आवश्यक नहीं है कि माता पिता को ब्लड कैंसर हो ही। हालांकि ब्लड कैंसर जेनेटिक म्यूटेशन से हो सकता है, मगर इसके एक से दूसरे जेनरेशन में जाने का रिस्क नहीं होता। वहीं, आप इसकी कैसे पहचान कर सकते हैं?

इस पर चिकित्सकों का कहना है कि यदि मां-बाप को ब्लड कैंसर है तो वह ये जानना चाहते हैं कि ये कैंसर बच्चे को तो नहीं है तो इसके लिए टेस्ट किया जाता है। इनमें जीनोम सीक्वेंस से एजीएस के जरिए से किसी भी प्रकार की बीमारी के जेनेटिक की पहचान की जा सकती है। हालांकि माता पिता से बच्चे में ब्लड कैंसर का रिस्क नहीं होता है, मगर फिर भी किसी दूसरे जेनेटिक डिजीज की वक्त पर पहचान के लिए टेस्ट कराना बहुत अहम है।

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