Sambhal violence: योगी सरकार ने संभल हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की घोषणा की है। बुधवार को एक अफसर ने कहा कि संभल दंगे में शामिल प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी और "पत्थरबाज़ों" के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे।
संभल में रविवार (24 नवंबर) को चार लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। ये घटना कोट गर्वी क्षेत्र में स्थित शाही जामा मस्जिद के सर्वे के लिए अदालत के आदेश पर हुए टकराव के बाद हुई। ये सर्वे एक याचिका के बाद किया गया जिसमें दावा किया गया था कि इस स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।
'पत्थरबाजों' के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जाएंगे
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "संभल हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ यूपी सरकार सख्त रुख अपना रही है। पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जाएंगे और उनसे नुकसान की भरपाई की मांग की जाएगी। उनकी अरेस्टी में मददगार सूचना देने पर इनाम की भी घोषणा की जा सकती है।"
इसी तरह की पहल में सरकार ने पहले 2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान बर्बरता से जुड़े व्यक्तियों के पोस्टर लगाए थे। ये पोस्टर राज्य की राजधानी सहित कई स्थानों पर प्रदर्शित किए गए थे, मगर बाद में अदालत के आदेश के बाद हटा दिए गए थे।
अरेस्ट आरोपियों की तस्वीरें
संभल पुलिस ने मोबाइल सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरों का उपयोग करके हाल ही में हुई हिंसा के दौरान पथराव करने वाले 100 से अधिक लोगों की पहचान की है। इनमें से कुछ नाबालिगों सहित 27 आरोपियों को अरेस्ट किया गया है।
एक चौंकाने वाले खुलासे में पुलिस ने पाया कि कुछ पत्थरबाजों ने आंसू गैस के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए अपनी आंखों के आसपास "हरा लोशन" लगाया था। अरेस्ट किए गए तीन लोगों ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि लोशन ने आंसू गैस की जलन को कम किया, जिससे वे अपनी गतिविधियाँ जारी रख सके।
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