हाल ही में इजरायल ने दावा किया है कि उसने एक ऐसा छलावरण जाल (गायब होने वाला वस्त्र) बनाया है, जिसे फैजी बदन पर डाल ले, तो वो आभासी चट्टान की शक्ल में बदल जाएगा। इस रहस्य की पड़ताल आंखें तो क्या संसूचक (डिटेक्टर) भी नहीं कर पाता है। इस जाल के निर्माण में भौगोलिक परिस्थिति का खास ख्याल रखा है।
जानकारी के मुताबिक गायब होने वाला वस्त्र हरियाली और रेगिस्तानी दोनों ही इलाकों में फौजियों के लिए उपयोगी है। इस छलावरण की सच्चाई दूरबीन से भी नहीं देखी जा सकती है। किसी चीज़ या मनुष्य को गायब करने की दिशा में इस्तेमाल निरंतर होते रहे हैं।
साबित किया गया है कि जर्मन वैज्ञानिक टोल्गा इरगिन भी व्यक्ति को गायब कर देने वाला चोगा या कोट बना चुके हैं। ये लबादा पॉलीमर क्रिस्टल की छड़ों से बनाया गया। इस आवरण की विशेषता यह है कि इसे ओढ़ लेने से यह प्रकाश की ऐसी किरणों को परावर्तित कर देता है, जो मनुष्य को देखने में सक्षम होती हैं।
इस खोज को अंजाम देने में प्रकाश की चाल और उस दिशा को बदलने का सिद्धांत प्रयोग में लाया गया, जिसमें प्रकाश पदार्थ से होकर गुजरता है। साइंस के शब्दों में इसका अर्थ पदार्थ के अपवर्तनांक को बदल देना है। दरअसल, फोटोनिक क्रिस्टलों के तत्व प्रकाश की उन किरणों से नहीं देखे जा सकते हैं, जो हमें चीजों को देखने में सहायता करते हैं। इसीलिए बहुत छोटी-छोटी छड़ों से पॉलीमर क्रिस्टल बनाए गए।
अमरीका के कानेन विश्व-विद्यालय के वैज्ञानिकों ने भी मनुष्य को अदृश्य करने की तरकीब खोजने का दावा किया है। दावा किया गया है कि सेकंड के एक हिस्से के लिए प्रकाश की किरणों को मोड़ा जा सकता है। ये स्थिति किसी भी वस्तु को गायब कर देती है। इस स्थिति में प्रकाश किसी चीज से टकराकर वापस लौटने की बजाय, उसके किनारे से होकर गुजर जाए, तो वो वस्तु लगभग गायब हो जाती है।