September Vrat Evam Tyohar : यहां देखें सितंबर के व्रत एवं त्योहार की लिस्ट

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सितंबर में अजा एकादशी, हरितालिका तीज, गणेश चतुर्थी, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, भाद्रपद अमावस्या, परिवर्तिनी एकादशी, भाद्रपद पूर्णिमा, अनंत चतुर्दशी जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं। इसके साथ ही इस माह में पितरों को समर्पित श्राद्ध पक्ष भी प्रारंभ होगा। जैनियों का पर्युषम पर्व शुरु होगा। विश्वकर्मा जयंती भी आएगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहार कब और किस दिन हैं, ताकि आप पहले से ही इनके लिए तैयारियां कर लें।

सितबर  में शुरु होने वाला व्रत एवं त्योहार-

03 सितंबर: दिन: शुक्रवार: अजा एकादशी।

04 सितंबर: दिन: शनिवार: शनि प्रदोष।

05 सितंबर: दिन: रविवार: मासिक शिवरात्रि।

07 सितंबर: दिन: मंगलवार: भाद्रपद अमावस्या या पिठोरी अमावस्या। इसे कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं।

09 सितंबर: दिन: गुरुवार: हरितालिका तीज।

10 सितंबर: दिन: शुक्रवार: गणेश चतुर्थी, गणेश प्रतिमा स्थापना।

11 सितंबर: दिन: शनिवार: ऋषि पंचमी।

12 सितंबर: दिन: रविवार: स्क्ंद षष्ठी।

17 सितंबर: दिन: शुक्रवार: परिवर्तिनी एकादशी, कन्या संक्रांति, विश्वकर्मा जयंती।

18 सितंबर: दिन: शनिवार: शनि प्रदोष व्रत।

19 सितंबर: दिन: रविवार: अनंत चतुर्दशी, गणेश प्रतिमा विसर्जन।

20 सितंबर: दिन: सोमवार: भाद्रपद पूर्णिमा, पूर्णिमा श्राद्ध। श्राद्ध पक्ष प्रारंभ।

21 सितंबर: दिन: मंगलवार: आश्विन मास प्रारंभ, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा।

24 सितंबर: दिन: शुक्रवार: संकष्टी चतुर्थी, महाभरणी श्राद्ध।

28 सितंबर: दिन: मंगलवार: कालाष्टमी।

सितंबर में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन गणेश प्रतिमा की स्थापना होगी और फिर अनंत चतुर्दशी को प्रतिमा विसर्जन। महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत हरितालिका तीज मनाई जाएगी, जिसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए तीज माता की पूजा करेंगी।

सृष्टि के प्रथम शिल्पकार माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती भी इस माह है। पूरे देश में विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। सितंबर में ही पितरों की आत्म तृप्ति के लिए श्राद्ध पक्ष प्रारंभ होगा। इसमें पूर्णिमा और महालया श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 20 सितंबर से प्रारंभ होकर 06 अक्तूबर तक है। इसमें पितरों को पिंडदान, तर्पण आदि किया जाता है।

इस माह में ही सूर्य देव की कन्या संक्रांति प्रारंभ होगी, जो पूरे एक माह रहेगी। सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।

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