Shahjahanpur : दो गुटों के बीच में ‘फंसा’ पुल का निर्माण कार्य, सियासत भी बनी रोड़ा

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रामनिवास शर्मा मैथिल

शाहजहांपुर । जलालाबाद तहसील कलान तहसील को जोड़ने के लिए वहगुल नदी पर पुल बनाए जाने को लेकर दो गुटों में धरना प्रदर्शन चल रहा है । पुल बनाए जाने की अपने अपने स्थान पर मांग को लेकर दो गुट आए आमने-सामने पिछले 1 सप्ताह से अलग-अलग स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

Bahgul River

विरोध में किया प्रदर्शन

शासन द्वारा रामपुर ढका डाडी के पास वहगुल नदी पर पुल निर्माण के लिए स्वीकृत मिली थी ।जिसके लिए राज्य सेतु निगम ने वहां पर पुल निर्माण के लिए प्रक्रिया भी शुरू की,पर इसकी भनक लगते ही कुछ राजनीतिक लोगों ने इसमें अड़ंगा डालने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया । जिसको लेकर नदी के जलालाबाद साइड के करीब आधा दर्जन गांव के लोगों ने तिकोला देवी मंदिर पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया ,निर्माण खटाई में पड़ता देख कर रामपुर ढका के साथ एक दर्जन लोगों ने उसी स्थान पर बनाए पुल बनाए जाने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया ,जहां पर सेतु निगम पुल बनाने गया हुआ है।

सेतु निगम की 5 सदस्य ने किया निरीक्षण

फिलहाल जनता के विरोधाभास के चलते सेतु निगम के अधिकारियों ने पुल निर्माण के प्रक्रिया रोक दी है और स्थानीय प्रशासन के अनुरोध पर एक बार फिर से जनता के मांग के अनुसार और पुनः सर्वे करने के लिए राज्य सेतु निगम के अधिकारियों को बुलाया गया ।

आज मंगलवार राज्य सेतु निगम की 5 सदस्य लोगों की टीम बरेली से तहसील जलालाबाद मुख्यालय पहुंची जहां पर सेतु निगम के अधिकारियों एवं अतिरिक्त जिला अधिकारी प्रशासन राम शंकर द्विवेदी के साथ एक मीटिंग हुई। जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई ।इसके बाद हमारे संवाददाता को जानकारी देते हुए अतिरिक्त जिला अधिकारी राम शंकर द्विवेदी ने बताया की टीम को मौके पर भेजा जा रहा है जो दोनों स्थानों के लोगों से मुलाकात करेगी एवं तिकोला व रामपुर ढका जहां पर पैत्रून पुल बना हुआ है वहां पर जाएगी और मौके का निरीक्षण करेगी। दोनों आंदोलनकारियों के साक्ष्य एवं लिखा पढ़ी में अपनी अपनी बात जमा करेंगे और जिनकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी इसके बाद जो भी निर्णय आएगा वही पुल का निर्माण किया जाएगा।

ग्रामीणों से की बात

तहसील मुख्यालय पर मीटिंग समाप्त होने के बाद राज्य सेतु निगम के 5 सदस्य टीम के साथ एसडीएम सौरभ भट्ट क्षेत्राधिकारी ब्रह्मपाल सिंह जलालाबाद के कोतवाल जसवीर सिंह एवं थाना मिर्जापुर के थाना प्रभारी मान बहादुर सिंह एवं भारी पुलिस फोर्स के साथ पहले तिकोलाघाट पर धरना स्थल पर बैठे ग्रामीणों से मिले और उनसे बात की एवं उनको बताया कि आपकी संतुष्टि के लिए सेतु निगम के इंजीनियर यहां पर आए हैं जो मौके का निरीक्षण करने घाट तक जाएंगे। आप लोग धरना स्थल समाप्त कर अपने घरों पर जाएं और इस संबंध में जो भी सुझाव वह अपनी बात लिखित रूप से एसडीएम कार्यालय जलालाबाद में 3 दिन के अंदर जमा कर दें।

इसके बाद टीम वाहगुल नदी देखने गई जहां उन्होंने नदी के किनारे खड़े होकर निरीक्षण किया उसके बाद वह लोग रामपुर ढका जहां पर पुल बनाना स्वीकृत हुआ था पहुंचे और मौके का निरीक्षण किया एवं वहां पर जो जनता आंदोलन कर रही थी उससे मुलाकात की। उनसे भी लिखित एवं सुझाव के लिए एसडीएम कार्यालय को अवगत कराने की बात कही। उसके बाद टीम जलालाबाद वापस लौट आई यहां आने के बाद राज्य सेतु निगम के अधिकारी बरेली के लिए प्रस्थान कर गए।

सियासत बनी रोड़ा

आपको बता दें राजनैतिक अड़ंगेबाजी के कारण क्षेत्र के विकास के लिए बनाया जा रहा कुल अधर में लटका हुआ है। जिससे लोगों को भारी नुकसान होगा परंतु समझ में नहीं आ रहा है कि कुछ लोग क्यों इसका विरोध कर रहे हैं। एक तरफ तो वे लोग हैं जहां पर पुल बनना है बनने जा रहा था जिधर नदी के पार के गांव हैं जो राम गंगा और बहगुल नदी के बीच में रहते हैं और यह रास्ता 50 साल से सक्रिय है। इसी रास्ते से करीब एक दर्जन गांव के लोगों का आना जाना होता चला रहा है

उधर जो लोग टिकोला मंदिर पर पुल की मांग कर रहे हैं उधर से कभी भी आम रास्ता नहीं रहा। हां नदी के इस पार के लोग अपने खेतों में अवश्य जाते हैं। जहां पर पुल बनाना सेतु निगम के लिए काफी महंगा होगा क्योंकि वह बहगुल नदी का वहां पर चौड़ा फेटा हैं। फिलहाल इसका निर्णय अभी नहीं हो सका है। दोनों गुटों के जवाब व प्रार्थना पत्र जमा होने के बाद ही शासन को भेजे जाएंगे। उसके बाद सेतु निर्माण निगम के अधिकारियों के निर्णय के बाद पुल के निर्माण का कार्य शुरू हो सकेगा ।भविष्य में क्या होता है अभी कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन ज्यादातर संभावना पेट्रून पुल के पास से ही पुल बनाने की प्रतीत हो रही है।

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