हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है। आश्विन शुक्ल की प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की जाएगी। नवरात्रि के इन पूरे नौ दिनों तक शक्तिपीठ कल्याणी देवी, ललिता देवी, अलोपशंकरी देवी और पूजा पंडालों में माता के जयकारे लगेंगे और विधि-विधान से उनकी पूजा की जाएगी। ज्योतिषी बता रहे हैं कि इस बार देवी का आगमन हाथी पर हो रहा है। नवरात्र में पंचमी तिथि यानी 30 सितंबर को पंडालों में मां दुर्गा स्थापित की जाएंगी।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो उदय कालिक प्रतिपदा 26 सितंबर दिन सोमवार को पड़ रही है। इस बार दिनभर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। अभिजीत मुहूर्त का समय सुबह 11.36 से 12.24 तक रहेगा। शुभ चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6 से 7.30 बजे, सुबह 9 बजे से 10.30 बजे और दोपहर 1. 30 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगी। ज्योतिषी बता रहे हैं कि इस बार माता हाथी पर सवार होकर आ रही है। ये बेहद शुभ सूचक है। माता काहाथी पर आगमन देश के लिए सामान्य फलदायक और वर्षा कारक होगा। अष्टमी का महानिशा पूजन दो अक्तूबर, महाअष्टमी व्रत की पूजा तीन और महानवमी की पूजा चार अक्टूबर को की जाएगी। वहीं नवरात्र का पारण पांच अक्टूबर को किया जाएगा। (Shardiya Navratri)
प्रतिमाओं को दिया जा रहा अंतिम रूप
हर साल की तरह इस बार भी देश भर में दुर्गा पूजा धूम धाम से मनाने की तैयारी चल रही है। नवरात्र के लिए दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। बंगाली शिल्पकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में तेजी से जुटे हुए हैं। एक शिल्पकार ने बताया कि दुर्गा प्रतिमाओं का दाम 1000 रुपये से लेकर 30 हजार रुपये तक है। माता के शृंगार के लिए कोलकाता से सामग्री मंगाई गयी है। (Shardiya Navratri)
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