
महाराष्ट्र राज्य में इन दिनों सियासी पारा हाई होता जा रहा है। दरअसल, बीते कुछ दिनों से गठबंधन पर कहा-सुनी जारी है। बता दें कि महराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस एवं NCP गठबंधन की महाविकास अघाड़ी की सरकार है।
इन सब के चलते शिवसेना के विधायक एवं प्रवक्ता प्रताप सरनाईक ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन की बात कही है। इस बात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
शिवसेना के एक बड़े नेता ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर बताया कि पार्टी के नेता एवं पदाधिकारी इस प्रकार के पत्र नहीं लिखते हैं। ये हमारी पार्टी का चरित्र नहीं है। सीएम और पार्टी का नेतृत्व इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। वो केंद्रीय एजेंसियों की तहकीक से परेशान होकर ऐसा कर रहे होंगे। मंत्री ने ये भी कहा कि ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर बीएमसी इलेक्शनों को लेकर चर्चा की।
वहीं सियासी एक्सपर्ट्स की निगाहें भी इस पर जमी हुई हैं। जिनके मुताबिक यदि किसी पदाधिकारी को दिक्कत होती है तो वह सीधे पार्टी के नेतृत्व के पास जाता है।
मुख्यमंत्री ठाकरे को लेटर लिखकर उसे वायरल करना साफ दर्शाता है कि शिवसेना के नेताओं और पार्टी नेतृत्व के बीच दूरी बढ़ी है। आपसी संवाद की कमी के अलावा विधायक की ये बात भी गौर करने लायक है कि वे अकेले ही संघर्ष कर रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी सत्ता में है।
आपको बता दें कि शिवसेना के विधायक ने NCP और कांग्रेस पर गठबंधन सरकार को कमजोर करने का आरोप भी लगाया। शिवसेना सांसद संजय राउत और NCP मंत्री हसन मुशरिफ ने सरनाईक की बात को खारिज कर दिया। राउत ने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसेना में किसी तरह की गुटबाजी नहीं है। साथ ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन के सहयोगियों के बीच भी आपसी बॉन्ड मजबूत है।
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