झारखंड के शहरी इलाकों में यातायात को सुचारू बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है. राज्य न केवल फ्लाईओवर, ओवरब्रिज और फोर-लेन एक्सप्रेसवे पर बल्कि नई बाईपास परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है। इन कार्यों का उद्देश्य क्षेत्र में यातायात की भीड़ को कम करना और परिवहन क्षमता में सुधार करना है।
प्रशासन यातायात चुनौतियों से निपटने के लिए फ्लाईओवर और ओवरब्रिज के निर्माण पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। ये बुनियादी ढांचागत विकास वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेंगे और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में वाहनों के प्रवाह को आसान बनाएंगे। इन परियोजनाओं को लागू करके, राज्य का लक्ष्य कनेक्टिविटी बढ़ाना और यात्रियों के लिए यात्रा के वक्त को कम करना है।
इसके अलावा मौजूद वक्त में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से डालटनगंज, गढ़वा, देवघर, गोड्डा, लातेहार समेत 16 (सोलह) बाइपास सड़क बनाई जा रही है। प्रशासन द्वारा चाईबासा, गुमला, लोहरदगा, चतरा, सिमरिया व गिरिडीह में बाइपास का काम जोरों पर है। पथ निर्माण विभाग द्वारा एनएच- 33 के वैकल्पिक उन्नत मार्ग के रूप में कान्दरबेड़ा से दोमुहानी पथ का फोरलेन निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसकी लंबाई 7.996 किलेामीटर है। इसे 101 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।
और तो और हजारीबाग, डालटनगंज और जमशेदपुर में फ्लाइओवर बनाने का इरादा किया जा रहा है।
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