img

चौबीस फरवरी दो हजार तेईस प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र का सुलेमसराय मोहल्ला एक ऐसी घटना हुई जिसने उत्तर प्रदेश को हिला रखा दिया।

प्रयागराज में एक हत्या हुई। हत्या प्रयागराज के सबसे बडे बाहुबली कहे जाने वाले अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद कि लेकिन इन दोनों कांड में एक नाम सामने आया।

नाम था गुड्डू मुस्लिम का एक शख्स जो अतीक अहमद के लिए बमबाज के तौर पर काम करता था। चौबीस फरवरी दो हजार तेईस को प्रयागराज के सुलेमसराय में हुई उमेश पाल की हत्या के बाद जिन सात लोगों के नाम एफआईआर में शामिल हुए उसमें प्रमुख अभियुक्त का नाम अतीक अहमद, उसके बाद अशरफ अहमद और उसके बाद जो नाम वो गुड्डू मुस्लिम, गुड्डू की गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश भर में टीम में लगा दी गई।

अतीक अहमद को गुजरात की जेल से लाया गया उसके भाई को बरेली की जेल से। लेकिन अतीक अहमद की हत्या होने के कुछ सेकंड पहले उसके भाई अशरफ अहमद ने गुड्डू मुस्लिम को लेकर कुछ बात कही ही थी की गोली चल गई।

इस पूरी कहानी के बीच गुड्डू मुस्लिम चौबीस फरवरी से फरार था। आज तक ये स्थितियां है कि राज्य तमाम अधिकारी गुड्डू मुस्लिम की बात कर रहे है। 

सात सौ पुलिसकर्मियों को गुड्डू मुस्लिम और शाहिस्ता परवीन की तलाश के लिए लगाया गया था। पुलिस और STF के अधिकारी बार बार ये कह रहे है कि हम गुड्डू मुस्लिम को जल्द गिरफ्तार करेंगे।

आपको बता दें कि चौबीस फरवरी दो हजार तेईस को हुए कांड के बाद से गुड्डू मुस्लिम आज तक फरार है। उस पर पाँच लाख रुपए का इनाम घोषित है। लेकिन ये मामला मीडिया में ऐसे दब गया है जैसे गुड्डू मुस्लिम का कोई राजनीतिक समझौता हो गया हो।

अब सवाल उस पल इस पर है जिसके तमाम निजाम बदलने के बावजूद गुड्डू मुस्लिम आज तक नहीं पकडे़ गए।

पुलिस वालों के ऊपर यह आरोप है कि उसने तमाम इनकाउंटर किए और कई बदमाशों पर कार्रवाई हुई पर सच यह भी है कि गुड्डू मुस्लिम पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसा प्रतीत होता है कि मानो गुड्डू-शाइस्ता की अफसरों से कोई डील हुई हो?

 

--Advertisement--