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Success Story: माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा का त्याग करते हैं। इतनी मेहनत के बाद यह देखकर कि लड़का सीख गया है और परिपक्व हो गया है, उसे उस मेहनत से संतुष्टि मिलती है। बिहार के औरंगाबाद में एक लड़के ने अपने माता-पिता की मेहनत को दिखाया है। पिता ठेले पर ऑमलेट बेचते थे। उनका बेटा अब जज बन गया है। इस बापलेका की सफलता से हर कोई हैरान है।

लड़के का नाम आदर्श कुमार है। वह बिहार लोक सेवा आयोग की न्यायिक सेवा परीक्षा में ओबीसी श्रेणी में 120वें स्थान पर आये हैं।

मां ने पढ़ाई के लिए छुपकर लिया कर्ज

आदर्श कुमार के परिवार में 7 सदस्य हैं। पिता की आमदनी बमुश्किल है। उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भरसक प्रयास किये। पैसे कम न पड़ें इसलिए उनकी मां सुनैना ने भी एक स्वयं सहायता समूह से कर्ज लिया था। हालाँकि, उन्होंने इसे अब तक गुप्त रखा था।

इस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया। आदर्श कुमार के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। पिता विजय साव ठेला चलाते थे। वहीं मां ने भी उतनी ही मेहनत की है।

माता-पिता से मिली प्रेरणा

आदर्श कुमार ने कहा कि लड़के ने अपने माता-पिता की मेहनत का सम्मान करते हुए कड़ी मेहनत की। उनकी मेहनत देखकर मुझे प्रेरणा मिली और मन लगाकर पढ़ाई की। इसीलिए यह सफल रहा।

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