अनेक गुणों से परिपूर्ण-व्यक्तित्व-करुणा और उदारता के धनी थे सुधीर अखिलेश्वर सिंह

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लखनऊ। वरिष्ठ आईईएस सुधीर अखिलेश्वर सिंह का 3 फरवरी 2021 को गुजरात में 44 वर्ष की अल्पआयु में निधन हो गया। वह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में कार्यरत थे।

Sudhir Akhileshwar Singh

सुधीर अखिलेश्वर सिंह की जीवनी

सुधीर अखिलेश्वर सिंह का जन्म 28 दिसंबर, 1976 को जम्मू और कश्मीर के ज्योतिपुरम में हुआ था। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, उन्होने वीएनआईटी नागपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में आईआईटी दिल्ली से मास्टर्स की डिग्री हासिल की। वह गणित में एक शानदार छात्र थे। वे प्रतिष्ठित विश्व बैंक छात्रवृत्ति के प्राप्तकर्ता भी थे, उन्होने जापान में बुनियादी ढांचे के प्रबंधन का अध्ययन किया।

देश की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान दिया

एक टेक्नोक्रेट के रूप में उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान अपने तकनीकी योग्यता का प्रयोग करते हुए देश के संसाधनों का सम्पूर्ण सदुपयोग किया और देश की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एक केंद्र सरकार के अधिकारी के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में शानदार कार्य किया। अपने आखिरी समय में वह सूरत मुंबई एक्सप्रेसवे के लिए परियोजना निदेशक (पीडी) थे।

Sudhir Akhileshwar Singh वन

आदर्श पति व पिता थे

वह अपनी मां (दिवंगत) प्रभा सिंह व पिता अखिलेश्वर कुमार सिंह के लिए समर्पित पुत्र थे। वह अपनी अर्धांगिनी डॉ विनती सिंह, सुपुत्री तम्मना और सुपुत्र विवान के लिए एक आदर्श पति व पिता थे। अपनी दोनों बहनों डॉ विभा सिंह और दीपिका सिंह के लिए एक आराध्य और आदर्श भाई थे। उनका अपने बड़े बहनोई डॉ नरेंद्र सिंह तंवर के साथ स्नेही मित्रवत् सम्बन्ध था, अपने छोटे बहनोई श्री अभिषेक सिंह के लिए वह एक आदर्श मार्गदर्शक थे।

जीवन में एक अमिट छाप छोड़ी

जीवन के इस छोटे से समय के दौरान अपने आकर्षण व्यक्तित्व, करुणा और उदारता के साथ उन्होंने उन सभी के जीवन में एक अमिट छाप छोड़ी। उनके असामयिक प्रस्थान ने उनके परिवार, साथियों, सम्बन्धियों व उनके सैकड़ों प्रसंशकों के जीवन में एक अपरिवर्तनीय शून्य छोड़ दिया। सभी को उनकी खूबसूरत मुस्कान, शानदार चेहरा और सभी के लिए सच्चा प्रेम सदैव याद आएगा।

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