यूपी किरण डेस्क। अमेरिका भारत से नाराज हो गया है। उसने दर्जनों कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि ये कंपनियां ईरान के लिए काम कर रही थी। अमेरिका के मुताबिक़ ये कंपनियां USA में अवैध व्यापार और ट्रांसफर करने में ईरान की मदद करती थी। इस महाशक्तिशाली देश ने ये कार्रवाई गुरुवार को की है।
गौरतलब है कि अमेरिका और ईरान के बीच आरसे से शीट युद्ध चल रहा है। इजरायल, फिलिस्तीन और हिज्बुल्ला को लेकर दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं। इस क्रम में 25 अप्रैल को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने कहा कि भारत समेत कुछ अन्य देशों की कंपनियों ने यूक्रेन में ईरानी मानवरहित हवाई वाहनों की गुप्त बिक्री को आसान बनाने और फाइनैंस करने में अहम भूमिका निभाई है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का आरोप है कि इन कंपनियों ने ये काम ईरान के रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय के हित में किया, जो खुद इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स और यूक्रेन में रूस के युद्ध का समर्थन करता है। इसके पीछे सहारा थंडर कंपनी का नाम सामने आया है। सहारा थंडर कंपनी ईरानी रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय के अंडर काम करती है और चीन, रूस समेत कई देशों में ईरानी वस्तुओं की बिक्री और शिपमेंट में भी शामिल है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का आरोप है कि उसने जिन तीन भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, वे सहारा थंडर थंडर का समर्थन करती हैं। इन कंपनियों में जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। सहारा थंडर ने कुक आइलैंड्स-फ्लैग्ड जहाज के लिए भारत की जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ टाइम चार्टर कॉन्ट्रैक्ट किया है। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उपरोक्त भारतीय कंपनियों पर इसी तरह के कई आरोप लगाए हैं।
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