लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और भर्तियों में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मामला यहां तक बढ़ा कि आशीष पटेल अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देने लगें। योगी सरकार के भरोसेमंद अफसरों पर ही हमलावर हो गए।
क्या सरकारी छवि पर दाग लगाने की साजिश?
सियासी जानकारों के मुताबिक, आशीष पटेल इस मुद्दे को लेकर जितने आक्रामक दिख रहे हैं। उसकी जरूरत नहीं थी। वह भले ही पूरे मामले को सामाजिक न्याय की लड़ाई का रंग देना चाह रहे हैं। पर ऐसा लग रहा है कि यह पूरा ड्रामा सरकार की छवि को तार तार करने के लिए किया जा रहा है। सपा विधायक पल्लवी पटेल के एक बयान से यह साफ भी हो जाता है। पल्लवी पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आशीष पटेल जो बयान दे रहे हैं। उसकी स्क्रिप्ट नोएडा से लिखी जा रही है। उधर, सरकार की तरफ से भी अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसके बावजूद आशीष पटेल की सरकार विरोधी आवाज थमती नजर नहीं आ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कहीं यह पूरा मामला सरकार की छवि पर दाग लगाने की साजिश तो नहीं?
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
बीते विधानसभा सत्र के दौरान समाजवादी पार्टी की विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए हैं। पल्लवी का कहना है कि प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष के पदों को नियमों को दरकिनार कर प्रोन्नति के माध्यम से भरा गया, जबकि यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा पूरी की जानी चाहिए थी।
राजभवन तक पहुंचा मामला
विधानसभा में अपनी बात नहीं रख पाने पर पल्लवी पटेल ने विधानसभा परिसर में धरना दिया था और फिर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की मांग की, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके।
आशीष पटेल के इस बयान पर खलबली
कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "मैं इस्तीफा नहीं दूंगा। बर्खास्त करना हो तो कर दें।" उन्होंने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और सरकार के अधिकारियों पर सवाल खड़े करते हुए यूपी एसटीएफ से जान का खतरा बताया।
ये हैं मुख्य आरोप
प्राविधिक शिक्षा विभाग में कथित रूप से पदों को नियमों के विपरीत भरने का आरोप।
9 दिसंबर 2024 को जारी D.P.C. के शासनादेश को पल्लवी ने गैर-कानूनी करार दिया है।
पल्लवी ने कहा कि यह प्रक्रिया छात्रों के भविष्य और शिक्षकों के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
आशीष और पल्लवी पटेल की पुरानी तकरार उजागर
यह मामला न केवल भ्रष्टाचार के आरोपों तक सीमित है, बल्कि आशीष पटेल और पल्लवी पटेल के बीच पुरानी राजनीतिक तकरार को भी उजागर करता है। विपक्ष ने इन आरोपों को लेकर राज्य सरकार और कैबिनेट मंत्री को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।
क्या होगी कार्रवाई?
पल्लवी पटेल की शिकायत के बाद मामला मुख्यमंत्री और राज्यपाल तक पहुंच चुका है।उम्मीद की जा रही है कि SIT या विशेष समिति का गठन किया जा सकता है। जांच के नतीजे ही तय करेंगे कि मंत्री आशीष पटेल पर कार्रवाई होगी या नहीं। अब यह देखने वाली बात होगी कि सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में क्या कदम उठाते हैं। अगर SIT गठित होती है, तो यह विवाद और बढ़ सकता है, जिससे यूपी की राजनीति में नई हलचल मच सकती है। यह मामला केवल एक मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य को भी बदल सकता है। जनता और विपक्ष की निगाहें अब सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
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