अंतर्राष्ट्रीय डेस्क। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए मुफीद है। तालिबान से लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को हर तरह की मदद मिलेगी और भारत को निशाना बनाने के लिए एक बार फिर से जेहादियों की तैनाती करेंगे। फ्रेंच न्यूज लेटर ‘एशियालिस्ट’ की रिपोर्ट में तो कुछ ऐसा ही दावा किया गया है। इस बीच अफगानिस्तान में अफगान सेना और तालिबान के बीच संघर्ष जारी है।
यह दावा किया गया है। यह रिपोर्ट क्षेत्रीय विशेषज्ञ ओलिवीर गिलार्ड ने तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने और वहां चुनावी प्रक्रिया संपन्न होने से अनुकूल वातावरण तैयार हुआ। अगस्त 2019 के बाद घाटी में हिंसा में कमी भी आई है। इससे आतंकी संगठनों में बेचैनी है और वे शांति की इन कोशिशों को कमजोर करने की कोशिश करेंगे। इसलिए भारत को पाकिस्तान से सतर्क रहने की जरूरत है।
हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान की बढत पर भारत गंभीर है और एहतियात के तौर पर कई अहम कदम उठाये गए हैं। पश्चिमिसीमाओं पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। आंतरिक सुरक्षा को भी सख्त कर दिया गया है। धार्मिक और ऐतिहासिक सथलों पर भी सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी के साथ ही तालिबान पुरे देश पर कब्जा करता जा रहा है। इस बीच अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि वह अफगानिस्तान के मामले में पाक सकारात्मक रवैया अपनाये। अफगानिस्तान में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेद तरार ने कहा कि तालिबान अफगानी सैन्य शिविरों पर हमले जारी रखने की स्थिति में अमेरिका भी अफगानिस्तान स्थित आतंकी शिविरों पर हमले जारी रखेगा।