
Boycott USA: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक बार फिर वैश्विक व्यापार को झटका देते हुए कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी शुल्क) लगाने की घोषणा कर दी। भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों पर नई टैक्स दरें थोप दी गई हैं, जिसमें भारत पर 26% और चीन पर 34% (कुल 54%) टैरिफ शामिल है।
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह कदम अमेरिका के 1.2 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार असंतुलन को खत्म करने तक जारी रहेगा। मगर इस फैसले ने वैश्विक बाजारों में भूचाल ला दिया है और सोशल मीडिया पर #BoycottUSA ट्रेंड कर रहा है। क्या ये ट्रंप का मास्टरस्ट्रोक है या अमेरिका के लिए उल्टा पड़ने वाला दांव? आइए तस्वीर साफ करते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी अमेरिका फर्स्ट नीति को तेज करते हुए कहा कि हमारा व्यापार घाटा बेकाबू हो गया है। अब वक्त आ गया है कि दूसरे देश भी कीमत चुकाएं। भारत से आने वाले सामानों पर 26% और चीन से आयात पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है, जिससे चीन पर कुल शुल्क 54% तक पहुंच गया। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ भी इसकी चपेट में हैं।
ये देश कर रहे हैं विरोध
राष्ट्रपति ट्रंप का तर्क है कि ये नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी और नौकरियां वापस लाएगी। मगर वैश्विक बाजारों ने इसकी दूसरी कहानी बयां की। अमेरिकी स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई और निवेशकों में बेचैनी छा गई।
बता दें कि भारत, कनाडा, यूके, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्विटजरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे मुल्कों में लोग सड़कों से सोशल मीडिया तक विरोध जता रहे हैं।