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Up Kiran, Digital Desk:  पंजाब की सियासत में आज का दिन बेहद खास है। तरनतारन विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए सुबह से ही मतदान जारी है। यह चुनाव सिर्फ एक विधायक चुनने के लिए नहीं हो रहा, बल्कि यह मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के लिए किसी 'लिटमस टेस्ट' से कम नहीं है।

सुबह के शुरुआती घंटों में मतदान की रफ्तार सामान्य रही और 11 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 23.01% मतदाता अपने वोट डाल चुके थे। यह आंकड़ा दिखाता है कि लोग इस चुनाव में दिलचस्पी ले रहे हैं और अपने इलाके का नया प्रतिनिधि चुनने के लिए घरों से निकल रहे हैं।

क्यों हो रहा है यह उपचुनाव और क्यों है इतना खास?

यह उपचुनाव आम आदमी पार्टी के विधायक रहे कश्मीर सिंह सोहल के निधन के कारण कराना पड़ रहा है। ऐसे में यह सीट जीतना AAP के लिए साख का सवाल बन गया है। वहीं, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बीजेपी, तीनों ही पार्टियां इस मौके का फायदा उठाकर AAP को पटखनी देने की पूरी कोशिश में हैं, जिससे यह मुकाबला बेहद दिलचस्प और बहुकोणीय हो गया है।

मैदान में हैं कई दिग्गज, मुकाबला कांटे का

इस बार तरनतारन का रण किसी एक या दो पार्टियों के बीच नहीं है। कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला इन चेहरों के बीच माना जा रहा है:

आम आदमी पार्टी (AAP): सत्ताधारी पार्टी ने हरमीत सिंह संधू पर दांव खेला है, जो पहले अकाली दल में रह चुके हैं। AAP की कोशिश है कि वह अपनी इस सीट को हर हाल में बरकरार रखे।

कांग्रेस: कांग्रेस की तरफ से करणबीर सिंह बुर्ज मैदान में हैं, जो पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं।

शिरोमणि अकाली दल (SAD): अकाली दल ने सुखविंदर कौर रंधावा को अपना उम्मीदवार बनाया है।

बीजेपी: बीजेपी ने जसविंदर सिंह पहलवान को टिकट दिया है।

अकाली दल (अमृतसर): सबसे दिलचस्प बात यह है कि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार का नाम भी कश्मीर सिंह सोहल है, ठीक वही नाम जो स्वर्गीय विधायक का था, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

लगभग 1.92 लाख मतदाता आज इन 15 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) और पंजाब पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। वोटिंग शाम 6 बजे तक चलेगी और वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

14 नवंबर को ही यह साफ हो जाएगा कि तरनतारन की जनता ने भगवंत मान सरकार के काम पर अपनी मुहर लगाई है या किसी और दल पर अपना भरोसा जताया है।