तेलंगाना- पूर्व मंत्री ईटेला राजेंद्र का टीआरएस पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा

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हैदराबाद॥ दिल्ली में BJP हाईकमान से मुलाकात कर चार दिन बाद हैदराबाद लौटे हुजूराबाद के विधायक व पूर्व मंत्री ईंटेला राजेंद्र ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (तेरास) से कल और विधायक पद से आज इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शामीरपेट स्थित अपने आवास पर शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में अपने इस्तीफे की घोषणा की।

Telangana minister quits

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ईंटेला राजेंद्र ने कहा कि सीएम ने सफाई का मौका दिए बिना ही उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि वह 19 वर्ष से तेलंगाना राष्ट्र समिति से जुड़े थे और अब अपना नाता तोड़ दिया है।

इस मौके पर उन्होंने सीएम केसीआर की जमकर आलोचना की। उन्होंने याद दिलाया कि तेलंगाना के लोगों के स्वाभिमान के लिए उन्होंने कई बार विधायक पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा कि वे प्रलोभनों के आगे न झुकने वाले कार्यकर्ताओं और करीमनगर जिले की जनता के आशीर्वाद से जीत हासिल की।

उन्होंने सीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि केसीआर के नेतृत्व में किसी मंत्री को आजादी नहीं है। सीएम के रवैये को तानाशाही करार देते हुए उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ समीक्षा में नहीं होते हैं। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगले दो दिनों में वह अपने समर्थकों के साथ विचार विमर्श कर आगे की रणनीति पर निर्णय लेंगे।

ज्ञातव्य है कि हाल ही में दिल्ली में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा व राष्ट्रीय महासचिव (सांगठनिक) बी. एल. संतोष के साथ ईंटेला ने मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टता हासिल की थी।

सूत्रों के अनुसार दो दिन बाद वह BJP में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा कर सकते हैं। पत्रकार सम्मेलन में तेरास नेता एल्ला रेड्डी के पूर्व विधायक एनुगू रवींदर रेड्डी व पूर्व करीमनगर जिला परिषद चेयरपर्सन तुला उमा भी उपस्थित थे। पता चला है कि एक पूर्व सांसद विश्वेश्वर रेड्डी के साथ ईंटेला राजेंद्र 8 या बुधवार 9 जून को BJP में शामिल हो सकते हैं।

दिल्ली में हुए ताजा घटनाक्रम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि इस्तीफे के बाद ईंटेला को सीएम के. चंद्रशेखर राव के विरूद्ध हथियार के रूप में उपयोग करने की रणनीति BJP ने बनायी है।

इसके अलावा ईंटेला के इस्तीफे के बाद हुजूराबाद में होने वाले उप चुनाव में उनकी पत्नी ईंटेला जमुना को मैदान में उतारा जा सकता है। सरकार के अभी ढाई साल बाकी हैं। ऐसे में केसीआर के विरूद्ध बड़ा विरोध आंदोलन खड़ा करने में ईंटेला BJP के लिए उपयोगी साबित होंगे। तेलंगाना आंदोलनकारियों को एकजुट कर उन्हें BJP की ओर लाने का जिम्मा ईंटेला पर होगा।

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