Up kiran,Digital Desk : ये रही भारतीय एथलेटिक्स से जुड़ी उस दुखद खबर पर आधारित पूरी जानकारी, जिसे बेहद सरल और बातचीत के लहजे में लिखा गया है।
भारतीय खेलों की दुनिया से एक दिल तोड़ने वाली खबर सामने आई है। अभी कुछ ही दिन पहले जिस 18 साल की धाविका (Runner) संजना सिंह (Sanjana Singh) ने साउथ एशियन चैंपियनशिप में भारत का झंडा बुलंद किया था, आज वो गंभीर आरोपों में घिर गई हैं। उन्हें डोपिंग नियमों के उल्लंघन के चलते तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (अस्थायी तौर पर निलंबित) कर दिया गया है।
सोचिए, एक खिलाड़ी जो अभी करियर की शुरुआत कर रही थी और जिसने देश को दो-दो गोल्ड मेडल दिलाए, उस पर अब प्रतिबंधित दवाएं लेने का आरोप लगा है। यह न सिर्फ उस खिलाड़ी के लिए, बल्कि पूरे भारतीय एथलेटिक्स के लिए शर्मिंदगी की बात हो सकती है।
आखिर सैंपल में मिला क्या?
मामला सितंबर 2024 का है। रांची में नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां संजना सिंह का डोप टेस्ट हुआ था। अब उस टेस्ट के नतीजे आ गए हैं और वो अच्छे नहीं हैं। उनके सैंपल में 'स्टेरॉयड' (Steroid) मिले हैं। आसान भाषा में कहें तो ये वो दवाइयां हैं, जिनका इस्तेमाल ताकत बढ़ाने और मांसपेशियों की थकान जल्दी मिटाने के लिए किया जाता है, जो खेलों में सख्त मना हैं। नाडा (NADA) के नियमों के तहत, ऐसे पदार्थ मिलने पर खिलाड़ी को तुरंत खेल से दूर कर दिया जाता है।
छिन सकती है जीत की खुशी
- मेडल वापसी: साउथ एशियन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में जीते गए 1500 मीटर और 5000 मीटर के दोनों स्वर्ण पदक (Gold Medals) वापस लिए जा सकते हैं।
- नेशनल रिकॉर्ड: रांची में जीते गए सिल्वर मेडल भी छिन जाएंगे।
हैरानी की बात यह है कि रांची में सिल्वर जीतने के महज एक महीने बाद ही उन्होंने गजब की रफ़्तार दिखाई और गोल्ड जीत लिया। इतनी जल्दी प्रदर्शन में आया ये सुधार अब शक के घेरे में है।
कैंप में क्यों नहीं गईं संजना?
इस मामले में एक और पेंच फंसा हुआ है। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (AFI) चाहता था कि संजना बंगलुरु के नेशनल कैंप में आएं और वहां ट्रेनिंग करें। लेकिन, संजना ने वहां जाने से मना कर दिया और रोहतक में अपने पर्सनल कोच के साथ ट्रेनिंग करती रहीं। अब लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या उन्होंने कैंप से दूरी इसलिए बनाई थी ताकि वे जांच की नजरों से बची रहें? या वजह कुछ और थी?
परिवार का दावा- "ये सब झूठ है"
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। संजना के परिवार और उनके करीबियों का कहना है कि उनकी बेटी बेकसूर है। उन्हें 6 नवंबर को नोटिस मिला था। परिवार वालों का दावा है कि संजना ने कभी कोई गलत दवा या सप्लीमेंट नहीं लिया।
उनका कहना है, "हमें यकीन है कि रिपोर्ट गलत है। संजना को फंसाया जा रहा है। एक और अजीब बात ये है कि नोटिस घर पहुँचने से पहले ही यह खबर बाहर कैसे लीक हो गई?" परिवार अब हार मानने को तैयार नहीं है। वे एक लीगल टीम तैयार कर रहे हैं और 'बी-सैंपल' (B-Sample) की जांच की मांग करेंगे।
अब आगे क्या होगा?
खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। नाडा अब संजना के 'बी-सैंपल' की जांच करेगा।
- अगर बी-सैंपल भी पॉजिटिव आया: तो उन पर 2 से 4 साल का लंबा बैन लग सकता है। मेडल और रिकॉर्ड सब खत्म हो जाएंगे।
- अगर बी-सैंपल नेगेटिव आया: तो उन पर लगा बैन हट जाएगा और वो फिर से दौड़ सकेंगी।
फिलहाल, संजना सिंह का करियर दोराहे पर खड़ा है। आने वाले कुछ हफ्ते तय करेंगे कि यह उभरती हुई स्टार अपनी चमक बिखेर पाएगी या डोपिंग के अंधेरे में खो जाएगी।
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