
इंसान के सामने जब-जब मुश्किलें आती हैं, वह प्रभु की शरण में जरूर जाता है। इसी तरह देश की राजनीति में भी जब-जब राजनेता और पार्टियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, वह भी धर्म और भगवान की राजनीति (Communist Party) के सहारे ही आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। भाजपा 1991 के बाद जिस तरह से देश में अपनी पकड़ मजबूत करने में कामयाब रही उसका सबसे बड़ा कारण श्री राम मंदिर निर्माण आंदोलन और प्रखर हिंदुत्व था।
अब भाजपा सत्ता में है और देश की सबसे बड़ी पार्टी है ! ऐसे में अब उस से मुकाबला करने के लिए सभी पार्टियां अलग-अलग तरीके ढूंढ रही हैं। यही कारण है कि देश की ज्यादातर पार्टियां हिंदुत्व के एजेंडे के तहत आगे बढ़ रही हैं। केरल में सत्ता में मौजूद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) भी अब हिंदुत्व के इर्द-गिर्द आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है।
कभी हिंदुत्व के खिलाफ राजनीति करने वाली कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) फिलहाल भगवान राम और रामायण की बात कर रही है। दरअसल, केरल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की मलप्पुरम जिला कमेटी ने रामायण पर ऑनलाइन संवाद की एक श्रृंखला शुरू की है। माना जा रहा है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) दक्षिणपंथी संगठनों खासकर संघ परिवार और भाजपा के खिलाफ सियासी जंग में इसे हथियार के तौर पर अपनाने की कोशिश कर रही है।
सीपीआई (Communist Party) मलप्पुरम की जिला कमेटी ने अपने फेसबुक पेज पर सात दिवसीय ऑनलाइन संवाद का सिलसिला शुरू किया है और इसके लिए पूरी जानकारी भी दे दी गई है। पार्टी के राज्य स्तरीय नेता रामायण और राम पर अपनी बात रख रहे हैं। इस श्रृंखला का टाइटल रामायण और भारतीय विरासत रखा गया है। 25 जुलाई को यह श्रृंखला शुरू हुई थी।
सीपीआई (Communist Party) के मलप्पुरम के जिला सचिव ने बताया कि वर्तमान में कुछ सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतें हिंदुत्व पर अपना एकाधिकार मानती है।
साथ ही साथ वर्तमान परिस्थिति में देखें तो बड़े पैमाने पर समाज और अन्य राजनीतिक दल इससे दूर जा रहे हैं। रामायण जैसे महाकाव्य हमारी देश की परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं और इसे लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में रामायण का कितना महत्व बढ़ गया है इसको समझाने की कोशिश की गई है। (Communist Party)
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