किसानों ने मोदी सरकार को दी सीधी चेतावनी, कहा-अब उठाएंगे ये बड़ा कदम, मची खलबली

img
नई दिल्ली। केंद्र के तीन नय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसानों का धरना शनिवार को 38वें दिन में प्रवेश कर गया। इस बीच शनिवार को किसान संयुक्त मोर्चा ने ऐलान किया है कि अगर चार जनवरी को सरकार के साथ वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकलता है तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।
kisan andolan

15 जनवरी तक भाजपा नेताओं का घेराव

साथ ही 15 जनवरी तक भाजपा नेताओं का घेराव, 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर विभिन्न राज्यों में राज्यपाल भवन तक मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में किसानों का ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इस दौरान 18 जनवरी को देशभर की महिला किसानों का एकत्रीकरण होगा और महिलाएं खुलकर किसान आंदोलन का चेहरा बनेंगी।

आंदोलन औऱ तेज किया जाएगा

किसानों की सात सदस्यीय कमेटी द्वारा शनिवार दोपहर दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की पत्रकार वार्ता में बीएस राजेवाल, दर्शन पाल, गुरुनाम सिंह, जगजीत सिंह, शिव कुमार शर्मा कक्का व योगेन्द्र यादव शामिल रहे। किसान नेताओं ने साफ कहा कि अगर चार जनवरी को किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो आंदोलन औऱ तेज किया जाएगा। 30 दिसम्बर को जिस मार्च को टाल दिया गया था, उस पर राजस्थान के शाहजहांपुर बॉर्डर से किसान अगले हफ़्ते आगे बढ़ेंगे। छह जनवरी से 20 जनवरी के बीच देशभर में किसान जन जागृति अभियान चलाया जाएगा।
केंद्र के रवैये को लेकर किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमें हल्के में ले रही है, जबकि हकीकत यह है कि युवा किसान संयम खो रहा है। किसानों की चार में से दो मांगों पर सहमति जता सरकार बड़ी कामयाबी का दावा कर रही है लेकिन सच यह है कि अभी पूछ निकली है हाथी बाकी है। जब तक कृषि कानून और एमएसपी गारंटी पर सरकार सहमत नहीं होती, किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
Related News