हॉलीवुड तक पहुंची भारत की माटी की सुगंध, मैरी मिल्लबेन ने गाया ‘ओम जय जगदीश हरे’.

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वाशिंगटन डीसी। भारतीय माटी और संगीत की खुशबू हॉलीवुड तक पहुंच गई है। हॉलीवुड अभिनेत्री एवं अमेरिका की लोकप्रिय गायिका मैरी मिल्लबेन ने दीपावली के अवसर को ध्यान में रखकर  करोड़ों भारतीयों को अपनी ओर से बधाई देने के लिए ‘ओम् जय जगदीश हरे…’ गाया। धनतेरस पर मिल्लबेन ने एक वीडियो प्रसारित किया है, जिसमें वे राजस्थानी वेशभूषा और भारतीय संस्कृति के रंग में रंगी हुई दिखाई दे रही हैं।
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राजस्थान में अजमेर के रहने वाले प्रो. मोक्षराज इन दिनों वॉशिंगटन डीसी स्थित भारतीय राजदूतावास में नियुक्त हैं। वे कुछ माह से मिल्लबेन को हिन्दी सिखाने के साथ-साथ भारत की  संस्कृति एवं इतिहास से भी परिचित करा रहे हैं । इस भजन से पूर्व डॉ. मोक्षराज उन्हें भारत का राष्ट्रगान भी सिखा चुके हैं। मिल्लबेन ने हाल ही में भारत के स्वतन्त्रता दिवस पर उसकी शानदार प्रस्तुति दी थी, जिससे वे विश्वभर में चर्चित हो गईं।
श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा सन् 1870 में लिखे गए तथा जन जन में लोकप्रिय भजन ‘ओम् जय जगदीश हरे…’  भजन को राजस्थानी पारिधान में सजी हुई मैरी मिल्लबेन ने एरिज़ोना की लाल पहाड़ियों में पूरे भक्तिभाव के साथ गाया। पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध इन पहाड़ियों में स्थित एक चर्च के परिसर में इस भजन की शूटिंग की गई।
मैरी मिल्लबेन भारत की संस्कृति, भारतीय दर्शन, योग, आयुर्वेद, खानपान, वेशभूषा एवं भारत की परिवार व्यवस्था एवं पति-पत्नी के आजीवन जुड़े रहने की पवित्र भावना से अत्यधिक प्रभावित हैं। मैरी मिल्लबेन के माता-पिता अफ़्रीकन अमेरिकन चर्च के सेवानिवृत्त मिनिस्टर हैं। उनकी मां कहती हैं कि मुझे ‘ओम् जय जगदीश हरे…’ भजन से अपरिमित शांति अनुभव होती है, इसलिए वे इस भजन को नियमित रूप से सुनती भी हैं। उनकी इच्छा थी कि उनकी बेटी जो हॉलीवुड की अभिनेत्री एवं लोकप्रिय गायिका है, वह इसे गाए, ताकि सारी दुनिया के लोगों को शांति व सुकून प्राप्त हो सके।
भारतीय राजदूतावास द्वारा डॉ. मोक्षराज के नेतृत्व में संचालित योग कक्षाओं में भी मैरी मिल्लबेन भाग लेती हैं। डॉ. मोक्षराज ने अमेरिका में भारतीय संस्कृति का डंका बजा रखा है। वे योग, भारतीय संस्कृति एवं हिन्दी प्रचार में 2018 से जुटे हुए हैं। वे भारतीय छात्रों सहित जर्मनी, इटली, रूस, अमेरिका, दक्षिणी-अमेरिका, कनाडा, जापान, चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के सैकड़ों छात्रों को हिंदी भाषा, योग तथा भारतीय संस्कृति की शिक्षा दे चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के शीर्षस्थ शिक्षा संस्थानों अर्थात् जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी एवं जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में भी विभिन्न 12 देशों के छात्रों को भारतीय संस्कृति व हिन्दी भाषा से परिचित कराया है।
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