Mahapanchayat में उमड़ा किसानों का सैलाब बड़े राजनीतिक परिवर्तन का संकेत!

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Political Desk . ऐतिहासिक सत्य है कि देश और दुनिया में किसानों ने जब भी हूंकार भरी है, तब-तब बड़े परिवर्तन हुए है। सत्ता बदली है। देश को विदेशी हुकूमत से आजादी मिली है। देश के किसानों ने एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद की है। मुजफ्फरनगर की महापंचायत (Mahapanchayat) में किसानो ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ शंखनाद किया। किसानो के हौसले और एकजुटता को देखते हुए कांग्रेस और रालोद समेत सभी विपक्षी दलों ने किसानों की मांगों का समर्थन किया। वहीँ बीजेपी किसानो की चेतावनी से भयभीत नजर आ रही है।

Kisan - Mahapanchayat

उल्लेखनीय है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नौ माह से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलित हैं। केंद्र सरकार से किसान संगठनों की कई दौर की वार्ता भी हुई, लेकिन केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये के चलते बात नहीं बनी। केंद्र सरकार का कहना है कि नए कृषि कानूनों के अलावा वह किसानो से सभी मुद्दों पर कभी भी वार्ता करने को तैयार है। (Mahapanchayat)

Kisan- Mahapanchayat

केंद्र सरकार के रुख को देखते हुए किसान संगठनों ने भी जता दिया कि वे अपने हक़ के लिए लोकतांत्रिक ढंग से निर्णायक लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। दरअसल किसान अपनी धुन का पक्का और जबर्दस्त हौसले वाला होता है। मुजफ्फरनगर में किसानो के जुटान (Mahapanchayat) के आगे महापंचायत स्थल छोटा पड़ गया। पूरे शहर में किसान ही किसान नजर आ रहे थे। हजारों किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में ही बैठे रहे।

Mahapanchayat में बीजेपी की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का बिगुल

किसानी एक तरह परस्पर सहयोग का काम है और अन्नदाताओं की यह ताकत पंचायत संपन्न होने के बाद तक नजर आती रही। ग्रामीण भारत का असली भाव अर्थात सेवा और सहयोग ही है। इसी भाव से वह नए राजनीतिक रिश्ते की जमीन को पुख्ता कर रहा था। किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच (Mahapanchayat) से मोदी और योगी सरकार के साथ बीजेपी की नीतियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का बिगुल फूंका।

मुजफ्फरनगर की किसान पंचायत (Mahapanchayat) में जुटी देशभर के किसानो की भीड़, जिसमे बड़ी तादाद में किसानिन भी शामिल हैं, मौजूदा सरकार के खिलाफ जनाक्रोश का संकेत है। किसानिनों ने मंच से भाषण भी दिये। पंजाब से एक हजार से ज्यादा किसानिन मुजफ्फरनगर पहुंची थी। किसानिन नेता हरिंदर कौर बिंदू ने इस महापंचायत को देश बचाने का महायुद्ध बताया।

यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के पूर्व मुजफ्फरनगर (Mahapanchayat) में किसानो ने सीधे केंद्र और प्रदेश सरकार को चेतावनी दी। देश वासियों से सत्ता को खरी-खरी सुनाकर देश को नये दौर में ले जाने का आह्वान किया।

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