फतेहपुर। साहब! अभी मैं, मेरी मां और भाई जिंदा हैं लेकिन लेखपाल ने खतौनी में हमें मृत दिखाकर वरासत किसी और के नाम कर दी है। ये पत्र यूपी के फतेहपुर जिले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आया है। पत्र में युवती ने अपनी मां और भाई को जिंदा होने की बात बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। उधर, पीड़ित परिवार के लोग खुद के जिंदा होने का अभिलेख लेकर राजस्व विभाग समेत अन्य अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। बता दें कि ऐसा ही मामला फिल्म कागज में भी दिखाया गया था।
यह मामला फतेहपुर जिले के बिंदकी तहसील क्षेत्र का है। यहां दादनखेड़ा के रहने वाले अनामिका सिंह पुत्री स्व. गुलाब सिंह ने राजस्व परिषद को एक पत्र भेजा है जिसमे बताया गया है कि आठ दिसंबर साल 2019 को पिता गुलाब सिंह की मौत हो गई थी। इसके बाद एक फरवरी 2021 को उसके पिता की चल-अचल संपत्ति उसकी मां ममता देवी, भाई प्रिंस सिंह और उसके नाम दर्ज हो गई थी लेकिन 31 दिसंबर 2021 को हल्का लेखपाल सीताराम से साथ गांठ कर फर्जी अभिलेख तैयार कराकर स्व. गुलाब सिंह का कोई उत्तराधिकारी न दिखाकर उनकी चल-अचल संपत्ति की वरासत पारिवारिक चाचा नवाब सिंह ने अपने नाम दर्ज करा ली।
इस बात का पता जब अनामिका सिंह और उनकी मां ममता देवी को चला, तो उन्होंने राजस्व परिषद और मुख्यमंत्री को डाक से शिकायती पत्र भेजकर खुद के जिंदा होने की बात बताई। इस पूरे मामले में एसडीएम अंजू वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर गलती करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार की लेखपाल ने पहले वरासत की थी लेकिन बाद में नवाब सिंह ने गुलाब सिंह की पंजीकृत वसीयत दिखाकर नायब तहसीलदार जहानाबाद की कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला कराया था। ये सब न्यायालय के आदेश पर हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर पीड़ित पक्ष को इस पर आपत्ति है, तो वह अग्रिम अदालत में अपना पक्ष रख सकते हैं।
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