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कर्नाटक के बाद अब पूरे देश की सियासत की नजर दक्षिण भारत के एक और अहम राज्य तेलंगाना पर टिकी हुई है। तेलंगाना में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद तेलंगाना में कांग्रेस के हौसले काफी बुलंद नजर आ रहे हैं। 

तेलंगाना में कांग्रेस टीआरएस को सीधी चुनौती देने में जुटी हुई है और इसी कड़ी में खबर आ रही है कि एक जमाने में टीआरएस और केसीआर के भरोसेमंद रहे दो नेता अब कांग्रेस का हाथ थामने वाले हैं और ये दोनों नेता हैं बिंगो लेडी श्रीनिवास रेड्डी और जुबली कृष्णा।

25 जून को कांग्रेस में होगी ग्रैंड एंट्री!

बताया जा रहा है कि 12 जून को ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं और उसके बाद 25 जून को तेलंगाना के खम्मम में राहुल गांधी की उपस्थिति में आयोजित एक रैली में इसकी घोषणा होगी। आइए आपको बताते हैं कि दोनों नेता कौन हैं। इन नेताओं पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नजरें क्यों टिकी हुई हैं। तो बात सबसे पहले तेलुगु लेडी श्रीनिवास रेड्डी की। सिंगुलैरिटी श्रीनिवास रेड्डी के जमाने में सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस के अध्यक्ष और सूबे के सीएम के. चंद्रशेखर राव के भरोसेमंद नेताओं में माने जाते थे।

बीते दिनों बिंगो ने टीआरएस पर आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से लगातार उनका अपमान किया जा रहा था जिसके बाद पिंगले ने वीआरएस पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने श्रीनिवास रेड्डी से संपर्क साधने की कोशिश की और उन्हें पार्टी में लाने का प्रयास किया।

सूत्रों के मुताबिक जनवरी में बीजेपी ने श्रीनिवास रेड्डी को पार्टी में लाने की खूब कोशिश की थी। बताया तो यह भी जाता है कि उस दौरान श्रीनिवास रेड्डी की अमित शाह से मुलाकात की चर्चाएं भी काफी तेज थी। हालांकि श्रीनिवास रेड्डी ने बीजेपी और कांग्रेस में शामिल होने से पहले थोड़ा इंतजार किया और यह देखने का निर्णय़ लिया कि कर्नाटक में किस तरफ हवा बहती है। अब जब कांग्रेस ने तेलंगाना के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में बीजेपी को हरा दिया है तो श्रीनिवास रेड्डी ने सियासत की हवा को देखते हुए कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीनिवास रेड्डी ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह मांग की कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी उन्हें और उनके समर्थकों को तत्कालीन खम्मम जिले की 10 में से आठ सीटों पर टिकट देगी। इस मांग पर जैसे ही श्रीनिवास रेड्डी को भरोसा मिला, वह कांग्रेस में शामिल होने पर सहमत हो गए। वहीं अगर बात करें जुबली कृष्णा की तो जुबली कृष्णा का तेलंगाना के महबूबनगर जिले में दबदबा है। वह दो हज़ार 14 और दो हज़ार 18 के बीच तेलंगाना की पहली कैबिनेट में उद्योग और पंचायत राज्यमंत्री भी थे।

बताया जाता है कि पिंगल रेड्डी, श्रीनिवास रेड्डी और कृष्णा राव की बातचीत बीते दो महीने से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों से चल रही थी। लेकिन बाद में इन दोनों नेताओं ने बीजेपी की जगह कांग्रेस पार्टी में जाने का फैसला लिया। माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं के कांग्रेस में जाने से आने वाले दिनों में तेलंगाना राज्य में कांग्रेस की स्थिति और मजबूत हो सकती है। 

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