केजरीवाल को अरेस्ट कर लिया गया और अब कोर्ट में पेश करने के बावजूद उन्हें अब ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है। ऐसे में सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि आखिर कितने वक्त तक इस तरह केजरीवाल को जेल में रहना पड़ सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल चले गए हैं और ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब ईडी ने किसी मुख्यमंत्री को इस तरह से अरेस्ट किया है और अब कोर्ट में पेश किया गया और उनकी रिमांड ले ली है। दरअसल केजरीवाल को ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अरेस्ट किया है।
जानें क्या है पीएमएलए प्रिवेंशन एक्ट
अगर हम ये पहले समझ लें कि पीएमएलए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी कि धन शोधन निवारण अधिनियम है क्या, तो हम इससे अंदाजा लगा पाएंगे कि केजरीवाल की जेल यात्रा कितनी लंबी हो सकती है। सबसे पहले समझते हैं कि आखिर यह कानून दरअसल क्या है अलग अलग तरह के अपराध होते हैं। उनमें से आर्थिक अपराध भी है। एक इस तरह का क्राइम जिसमें कोई खूनखराबा तो नहीं दिखता मगर गंभीर अपराध होता है और ये एक तरह का आर्थिक अपराध होता है और इस तरह की आर्थिक अनियमितता और आर्थिक अपराध करने वाले मामलों में जांच पड़ताल करती है।
बहरहाल, केजरीवाल अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अरेस्ट कर लिए गए हैं। मगर खास बात ये है कि इसमें आसानी से जमानत पर बाहर आना लगभग असंभव होता है। बहुत मुश्किल होता है और उसकी सबसे बड़ी वजह ये होती है क्योंकि जिस तरह की धाराएं इसमें हैं वो दरअसल संगीन अपराध के लिए लगती है और गैर जमानती होती है।
दूसरी बात कि ये गैर जमानती भी है। यानी आसानी से इसमें जमानत भी नहीं मिलती है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 45 दो सख्त शर्तें हैं, जिसकी वजह से माना जा रहा है कि अगर ईडी ने अरेस्ट कर लिया, कार्रवाई आगे बढ़ाई तो उसके शिकंजे से बचना। जमानत पर जल्द रिहा हो जाना बहुत मुश्किल होता है।
दरअसल, जिस पर आरोप लगते हैं उसे ही ये साबित करना होता है कि वो निर्दोष है और जब तक वो ऐसा नहीं कर पाएगा उसे छुटकारा मिलना बहुत मुश्किल होता है। जमानत मिलना बहुत मुश्किल होता है और तब तक वो लगातार इस तफ्तीश का हिस्सा रहेगा और कस्टडी में रहेगा। और ऐसा ही अतीत में देखा भी गया। कई बड़े नेता इसी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत लंबी जेल यात्रा कर चुके हैं।
केजरीवाल को राहत मिलने के आसार बहुत कम
तमाम तरह के आरोप और शिकंजे में घिरे अरविंद केजरीवाल और ये है प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, जिसके शिकंजे में है केजरीवाल और वो आखिर किस तरह से बेगुनाह हैं। अब ये साबित करने की जिम्मेदारी भी उनकी होगी। उससे पहले उन्हें राहत मिलने के कोई आसार नहीं।
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