हालांकि भाजपा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त होते सपा ने रिएक्शन दिया है। समाजवादी पार्टी प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि इन लोगों ने प्रोटेम स्पीकर इसलिए नियुक्त करवा लिया क्योंकि ये चुनाव नहीं कराना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों को ताक में रखकर भाजपा ने अपना प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करवा लिया। इससे साफ होता है कि भाजपा चुनाव नहीं कराना चाहती है, क्योंकि विधान परिषद में सपा का बहुमत है। उन्होंने राजभवन को ही बेईमान बता दिया। सपा प्रवक्ता ने कहा कि अगर सभी संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाएंगे तो फिर बचेगा क्या?
आमतौर पर प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष ) का चुनाव कराना होता हैं। जब प्रोटेम स्पीकर के जरिए फ्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है तो उसका रोल काफी महत्वपूर्ण हो जाता हैं। आमतौर पर सबसे सीनियर मोस्ट विधायक यानी जो सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतकर आया हो, उसे प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है लेकिन राज्यपाल इसे माने ये जरूरी नहीं है।