हिंदुस्तान और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में इस वर्ष मई माह से टकराव की स्थिति है। इस पूरी स्थिति में हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच हुए उन चार समझौतों की भी बड़ी सहायता मिल रही है जो रक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं। इन सभी डिफेंस एग्रीमेंट्स को रक्षा विशेषज्ञ हिंदुस्तान के लिए बहुत फायदेमंद करार देते हैं।
एक ऐसे समय में जब पूर्वी सीमा पर चीन निरंतर टकराव की स्थिति में हैं और पश्चिमी बॉर्डर पर पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों में कोई कमी नहीं आती दिख रही है, ये समझौते इन देशों की घेराबंदी के लिए बहुत लाभदायक हैं। लद्दाख में सेना हाई अलर्ट पर है और इस समय पीएलए की हर गतिविधि पर करीब से नजर रखे है। इसमें उसे अमेरिका की सहायता मिल रही है।
हिंदुस्तान और अमेरिका के बीच अक्टूबर 2020 में बेका एग्रीमेंट साइन हुआ था। दोनों देशों के बीच इससे पहले 3 मौलिक समझौते हो चुके हैं। इन समझौतों के तहत दोनों देश पहले से ही एक-दूसरे के मिलिट्री संस्थानों का प्रयोग रि-फ्यूलिंग और आपूर्ति के लिए कर रहे हैं।
इसके अलावा कम्युनिकेशन एग्रीमेंट के बाद दोनों देशों के बीच जमीन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य जानकारियों का आदान-प्रदान हो रहा है। हिंदुस्तान ने अमेरिका के साथ साल 2002 में जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (GSOMIA) साइन किया था। इसके बाद साल 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) साइन हुआ था और साल 2018 में कम्यूनिकेशन कॉम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (COMCASA) साइन हुआ था।