स्पेस में भेजा गया चीन का रॉकेट (Long March 5B Y2 Rocket) किसी भी दिन वापस पृथ्वी पर बेकाबू प्रवेश कर सकता है। ये रॉकेट का मेन भाग यानी कोर है। ये लगभग 100 फीट लंबा है। इसका वजन लगभग 21 टन है।
फिलहाल ये आफत पृथ्वी के चारों ओर लो-अर्थ ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है। यानी ये पृथ्वी के ऊपर 170 किमो. से 372 किमो. की ऊंचाई के बीच तैर रहा है। इसकी गति 25,490 किमो. प्रति घंटा है यानी 7.20 किमो. पर सेकेंड। रॉकेट के इस कोर की चौड़ाई 16 फीट है।
ड्रैगन ने ये रॉकेट 28 अप्रैल को अपने तियानहे अंतरिक्ष स्टेशन को बनाने के लिए अपना सबसे बड़ा रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी छोड़ा था। यह एक मॉड्यूल लेकर अंतरिक्ष स्टेशन तक गया था। मॉड्यूल को तय कक्षा में छोड़ने के बाद इसे नियंत्रित तरीके से पृथ्वी पर लौटना था। परन्तु अब चीन की स्पेस एजेंसी का इस पर से नियंत्रण खत्म हो चुका है।
यूरोपियन अंतरिक्ष संस्था (ESA) के स्पेस सेफ्टी प्रोग्राम ऑफिस के चीफ ने कहा कि वर्तमान ये कह पाना मुश्किल है कि इस रॉकेट का कितना हिस्सा बचकर पृथ्वी पर आएगा। क्योंकि हम इसकी डिजाइन के बारे में नहीं जानते। परन्तु सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि 17800 किलोग्राम वजनी कोर का 20 से 40 % हिस्सा जमीन तक आएगा। या फिर समुद्र में गिरेगा।
वर्तमान में इस रॉकेट का जो मार्ग है उसके अनुसार ये पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित न्यूयॉर्क, मैड्रिड और बीजिंग के आसपास गिरेगा। या फिर दक्षिणी गोलार्ध में स्थित दक्षिणी चिली और न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंग्टन के नजदीक गिर सकता है। यानी पृथ्वी के इन इलाकों को चीन के के बेकाबू रॉकेट से खतरा है।