Today’s headlines: छेड़छाड़ के एक हाईप्रोफाइल मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज करने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि निचली अदालत में केस चलेगा। वहीं GST: दिशा-निर्देश में कहा गया है कि कर अधिकारी को कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए अपराध की प्रकृति, उसकी गंभीरता, कर चोरी या आईटीसी के दुरुपयोग की राशि, धोखाधड़ी कर रिफंड जुटाने के सबूत जमा करने होंगे।पढ़ें आज की बड़ी खबरें
छेड़छाड़ के एक हाईप्रोफाइल मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने एफआईआर खारिज करने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि निचली अदालत में केस चलेगा, अगर आरोप गलत साबित हुए तो लड़की द्वारा आरोपी को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। मामले का आरोपी यूएन में अहम पद नियुक्त था, लेकिन पीड़ित द्वारा यूएन को शिकायती पत्र लिखने के बाद उसे इस्तीफा देना पड़ा था।
आरोपी ने एफआईआर खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। जस्टिस जसमीत सिंह ने क हा कि हाईकोर्ट ने 3 सितंबर 2021 को दोनों पक्षों को आदेश दिया था कि चूंकि वे मध्यस्थता प्रक्रिया में हैं, इसलिए मामले में जल्दबाजी न करें। इसके बावजूद लड़की ने यूएन को पत्र लिखा। इसी वजह से क्षतिपूर्ति को लेकर आदेश देना पड़ रहा है।
जीएसटी अधिकारी अब ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकेंगे, जहां कर चोरी, गलत ढंग से लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) या रिफंड की रकम 5 करोड़ रुपये से अधिक होगी। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली जीएसटी जांच इकाई ने शुक्रवार को नए दिशा-निर्देश में कहा, पर्याप्त सबूत मिलने पर ही जीएसटी चोरी के मामले में आरोपी (कंपनी या कारोबारी) के खिलाफ कर अधिकारी कानूनी कार्रवाई शुरू करने का फैसला ले सकेंगे।
इसमें कहा गया है, कानूनी कार्रवाई सामान्य तौर पर उन्हीं मामलों में शुरू हो सकती है, जहां कर चोरी की राशि, आईटीसी का दुरुपयोग या धोखाधड़ी से लिए रिफंड की राशि 5 करोड़ से अधिक है। कर अधिकारी को कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए अपराध की प्रकृति, गंभीरता, कर चोरी या आईटीसी के दुरुपयोग की राशि, धोखाधड़ी कर रिफंड जुटाने के सबूत जमा करने होंगे। उसके बाद ही आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने पर अंतिम फैसला लिया जा सकेगा।
पश्चिमी कोलंबिया में शुक्रवार को एक विस्फोटक हमले में आठ पुलिस अधिकारी मारे गए। इसकी जानकारी राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने दी। साथ ही कहा कि देश के लगभग 60 साल के संघर्ष को समाप्त करने का वादा करने के बाद से सुरक्षा बलों पर यह सबसे घातक हमला है।
प्रदेश कांग्रेस समिति में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के समर्थन में इस्तीफे देने का सिलसिला थम नहीं रहा है। जिला कांग्रेस जम्मू सहित बीस नेताओं और पदाधिकारियों ने शुक्रवार को पूर्व विधायक बलवान सिंह की मौजूदगी में अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने वालों में सचिव पीसीसी शमशेर सिंह चिब, ब्लाक प्रधान भलवाल राज देव सिंह जम्वाल, पूर्व उपप्रधान बलजीत सिंह मन्हास, महासचिव जिला जम्मू ग्रामीण रमण शर्मा, सरपंच रायपुर कुलजीत सिंह जमवाल, किसान प्रकोष्ठ उपचेयरमैन संतोष मन्हास, कुलभूषण सिंह, विजय शर्मा, दलवीर सिंह चिब, चंचल गंडोत्रा आदि शामिल हैं।
आगामी दिनों में अन्य जिलों से भी आजाद के समर्थन में इस्तीफे आने की आशंका है। इस्तीफा देने वाले अधिकांश नेता और पदाधिकारी जम्मू में 4 सितंबर को हो रही आजाद की जनसभा में शिरकत करेंगे।
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