Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली और आस-पास के इलाकों में बढ़ता वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर चिंता का विषय बन गया है. हालत इतनी ख़राब है कि हमारे देश की सबसे बड़ी अदालत, सुप्रीम कोर्ट को इसमें दखल देना पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि ऐसे माहौल में बच्चों का स्वास्थ्य सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है. इसी को देखते हुए, कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को निर्देश दिया है कि वो स्कूलों में होने वाले आउटडोर खेलकूद (बाहरी खेल गतिविधियों) को फिलहाल टाल दें. यह एक बहुत बड़ा कदम है, क्योंकि अब नवंबर और दिसंबर जैसे महीनों में बच्चों को ज़हरीली हवा में खेलने के लिए बाहर नहीं भेजा जाएगा.
आखिर क्यों उठाया सुप्रीम कोर्ट ने यह बड़ा कदम?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमित्र ने कोर्ट को बताया कि नवंबर-दिसंबर जैसे महीनों में जब दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद ख़राब (Toxic air) होती है, तब भी कई स्कूल खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करवा रहे हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए टिप्पणी की कि यह तो बच्चों को "गैस चैंबर में डालने" जैसा है. बच्चों के फेफड़े कमज़ोर होते हैं और वे तेज़ी से साँस लेते हैं, जिससे प्रदूषक उनके शरीर में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं. विशेषज्ञों ने तो यहाँ तक चेतावनी दी है कि दिल्ली में प्रदूषित हवा में रहने से बच्चों का मस्तिष्क विकास धीमा हो सकता है, उनमें अस्थमा और सांस की गंभीर बीमारियां बढ़ सकती हैं और वे सामान्य से कम बुद्धिमान भी हो सकते हैं
CAQM की भूमिका और आगे क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से कहा है कि वे इस पर तुरंत विचार करें और ऐसे सभी बाहरी खेल आयोजनों को उन महीनों के लिए स्थगित करने का आदेश दें, जब हवा साफ और सुरक्षित हो. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों की अब हर महीने सुनवाई की जाएगी. इससे अधिकारियों द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की लगातार निगरानी की जा सकेगी. इससे पहले, GRAP के चरण 4 जैसे प्रतिबंध भी लागू किए जा चुके हैं, और हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई है
यह एक स्वागत योग्य कदम है जो दिखाता है कि हमारे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर अब गंभीरता से विचार किया जा रहा है. माता-पिता और बच्चों को उम्मीद है कि इस फैसले से उन्हें कुछ राहत मिलेगी और वे एक साफ-सुथरी हवा में साँस ले पाएंगे.




