बिजली की दरों में बढ़ोतरी पर बोले व्यापारी, अब और सहन नहीं करेंगे

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देहरादून।। राजधानी देहरादून उद्योग व्यापार मंडल ने तीरथ सरकार की बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी का विरोध किया गया है। मंडल ने बताया कि संक्रमण काल में प्रतिष्ठान और व्यवसाय पूरी प्रकार चौपट हो गया है। पहले से ही आर्थिक मार झेल रहे व्यवसाय पर बिजली दरों में बढ़ोतरी करना दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। सरकार इस फैसले पर आमजनों के हित में गंभीरता से विचार करे।electricity uttrakhand

मीडिया प्रभारी डॉ.देवेंद्र ढल्ला ने बताया कि रविवार को जूम बैठक में व्यापारियों ने बढ़ाई गई बिजली दरों का ध्वनि मत से विरोध किया गया। इस मौके पर अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि संक्रमण के चलते व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है। ऐसे में विद्युत दरों में बढ़ोतरी प्रदेश की जनता के ऊपर कुठाराघात है। कार्यकारी अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने कहा कि शीघ्र ही दून उद्योग व्यापार मंडल मुख्यमंत्री से संपर्क कर इस निर्णय को वापस लेने की मांग करेगा।

महासचिव सुनील मेसोंन ने कहा कि सरकार यह कदम संकट के समय ठीक नहीं है। डीडी अरोड़ा ने कहा कि व्यापारी से लेकर आमजन​ पिछले साल से ही परेशान है।ऐसे में लोगों का ख्याल रखना भी सरकार का काम है। होटल एसोसिएशन से मन्नू कोचर ने कहा कि होटल का बिजली का बिल वैसे ही लाखों में आता है और टूरिस्ट सीजन भी न्यून हो गया है।

इसके उलट बिजली के बढ़े हुए बिल कठिनाईयों को और बढ़ा रही है। होटल एसोसिएशन के इलियास अहमद ने कहा कि बैंकों की किस्तें ही इतनी बकाया हैं। ऊपर से ब्याज और स्टाफ के वेतन के बोझ के साथ बढ़ा हुआ बिजली का बिल जुल्म रूपी बोझ डाला जा रहा है। सीजन में संक्रमण का प्रकोप बढ़ने से व्यवसास चौपट हो गया है।

राकेश ओबेरॉय ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर पर बीते एक वर्ष से बंदी के चलते बुरा असर पड़ा है। ऊपर से हाउस टैक्स और बिजली दरें भी अनावश्यक बोझ बढ़ाने वाली हैं।

कपड़ा कमेटी के परवीन जैन ने कहा है कि बढ़ी हुई दरें तत्काल प्रभाव से वापिस होनी चाहिए। इलेक्ट्रिक एसोसिएशन को तरफ से सचिन माहेश्वरी ने कहा कि पिछले एक वर्ष से निर्माण कार्य वैसे भी कम हो रहे हैं। इस समय अनावश्यक बोझ व्यापारियों के ऊपर न लादा जाए।

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