सावन में घर में बहुत सारे व्यंजन बनते हैं। इनमे महुअर, अनरसा, घेवर, साहिणा, लाटा और करहि-फुलौरी प्रमुख हैं। महुअर उबले हुए पीसे हुए महुआ में आटा और मिलाकर दूध मिलाकर तैयार किया जाता है। इसमें प्राकृतिक मिठास होती है। इसे आप कई दिनों तक खा सकते हैं। इसी तरह अनरसा के बिना सावन अधूरा माना जाता है। अनरसा का स्वाद निराला होता है। चावल से बने अनरसे का स्वाद भुलाये नहीं भूलता। घर पर अनरसा बनाना बेहद आसान होता है।
इसी तरह सावं में घेवर का भी खूब स्वाद लिया जाता है। घेवर राजस्थान की प्रसिद्ध मिठाई है। घेवर के बिना पूरा नहीं सावन अधूरा ही रहता है। पारंपरिक तौर पर घेवर मैदे और अरारोट के घोल को सांचे में डालकर बनाया जाता है। घेवर की ही तरह सावन में अलग-अलग नामों से चावल और वेसन के कई पारंपरिक व्यंजन घरों में बनाये जाते हैं।
सावन का महीना शिवभक्ति का महीना होता है। शिव उपासना के लिए ही सावन भर सात्विक भोजन करते हैं। इस समय लौकी की बर्फी आदि भी खूब पसंद किये जाते हैं।