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UP News: जौनपुर में महाकाली की मूर्ति को लेकर हुए विवाद ने धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को फिर से उठा दिया है। स्थानीय लोगों और पुजारी स्वामी अंबुजानंद के समर्थकों में रोष है, क्योंकि मूर्ति को मुगलकालीन शाही पुल की दीवार के पीछे होने का दावा किया गया। स्वामी अंबुजानंद ने प्रशासन को दो दिन के भीतर दीवार को तोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। अगर 48 घंटे में नहीं ढाया गया तो समर्थकों समेत ऐसा करेंगे। कई लोगों पूजा आर्चना करनी शुरू कर दी है।

स्थानीय लोगों ने इस स्थान पर पूजा-पाठ शुरू कर दिया है क्योंकि वे सोचते हैं कि पत्थर मां काली का मंदिर है। वे प्रशासन से जल्द से जल्द इस दीवार को हटाने की मांग कर रहे हैं ताकि पूजा सुचारू रूप से हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि वे दीवार को खुद तोड़ने के लिए बाध्य होंगे यदि प्रशासन इसे नहीं तोड़ा।

अंबुजानंद ने बताया कि मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था और शाही पुल बनाते समय दीवार से ढक दिया गया था। उनका कहना था कि सरकार दीवार को फिर से बना सकती है अगर मूर्ति नहीं मिलती है। वहीं, मूर्ति मिलने पर नियमित पूजा भी होनी चाहिए।

जिला प्रशासन ने इस बहस को हल करने के लिए पुरातत्व विभाग से संपर्क करने का फैसला किया है। सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह ने कहा कि इस मामले में शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण है और किसी को भी बिना अनुमति दीवार तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 

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