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UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के एक गांव में रविवार को जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर हुए सांप्रदायिक टकराव में 22 वर्षीय एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि पथराव और गोलीबारी में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए।

देवी दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान एक व्यक्ति की निर्मम हत्या के एक दिन बाद, पीड़ित परिवार हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ शव लेकर तहसील पहुंचा और प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस बीच गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने एक निजी अस्पताल और दोपहिया वाहनों के शोरूम समेत कई संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे

स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। आज सुबह जब पीड़ित का शव पोस्टमार्टम के बाद उसके गांव पहुंचा तो यह घटना फिर से भड़क गई। सांप्रदायिक तनाव के कारण कल से ही बहराइच जिले की महसी तहसील में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

सांप्रदायिक तनाव कैसे भड़क गया?

गौरतलब है कि रेहुआ मंसूर गांव के मूल निवासी राम गोपाल मिश्रा, जो समूह के साथ चल रहे थे, को मंसूर गांव के महाराजगंज बाजार में गोली मार दिए जाने के बाद तनाव बढ़ गया। उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जुलूस के दौरान संगीत बजाने को लेकर उन्हें गोली मारी गई।

हिंसा में मिश्रा के अलावा करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। घटना के तुरंत बाद कई हिंदू संगठन कार्रवाई की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हरदी थानाध्यक्ष एसके वर्मा को निलंबित कर दिया। महसी चौकी प्रभारी शिव कुमार को भी निलंबित कर दिया गया।

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम योगी ने  हिंसा की निंदा की और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

सीएम योगी ने अफसरों को उपद्रवियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हालांकि, उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया, "मूर्ति विसर्जन जारी रहना चाहिए। धार्मिक संगठनों से संवाद करें और समय पर मूर्ति विसर्जन करवाएं।" 
 

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