UP: महिलाओं-नाबालिग बच्चों के साथ घट रही घटनाओं का राज्य महिला आयोग ने स्वतः लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्ट

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लखनऊ।। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश, पुलिस आयुक्त, लखनऊ (नगर) व पुलिस अधीक्षक, बस्ती को पत्र प्रेषित कर जनपद देवरिया के थाना भटनी में अपनी फरियाद लेकर पहुंची पीडि़ता से थानेदार द्वारा अत्यन्त शर्मनाक तरीके से अश्लील हरकत किये जाने तथा जनपद बस्ती में “लखनऊ ले जाते समय मौसा अमरेंद्र द्वारा नाबालिक छात्रा के साथ दुष्कर्म और दरिंदगी करने के बाद फरार की घटना को लेकर पीडि़ता की तहरीर पर बस्ती जिले के कप्तानगंज थाने में दर्ज हुआ मुकदमा” विषयक समाचार का स्वतः संज्ञान लेकर रिपोर्ट तलब की है।

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उपरोक्त घटना से पूर्व उन्नाव में पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पुलिस अधिकारी द्वारा पीडि़त महिला से अभद्रता एवं जनपद लखनऊ में दूरभाष पर थानाध्यक्ष द्वारा पीडि़ता से गैर जिम्मेदाराना ढ़ंग व अभद्रता से बात करने जैसी घटना पर भी स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने रिपोर्ट तलब की है।

उपाध्यक्ष द्वारा उपरोक्त चारों घटनाओं को बेहद गम्भीरता से लेते हुये राज्य पुलिस से रिपोर्ट तलब की। उपाध्यक्ष ने कहा एक जिम्मेदार पद पर बैठे पुलिस अधिकारी द्वारा इस तरह की हरकत बेहद शर्मनाक और हैरान करने वाली है। ऐसे लोगो को पुलिस महकमें से बर्खास्त कर देना चाहिये।

उपाध्यक्ष ने पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश को पत्राचार कर चारों घटनाओं का स्वतः संज्ञान लेते हुये संबंधित पुलिस अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर आयोग को अवगत कराने के निर्देश दिये।

उपाध्यक्ष सुषमा सिंह द्वारा खेद जताया गया कि जहां वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षा एवं त्वरित न्याय दिलाये जाने के लिये प्राथमिकता से विशेष प्रयास किये जा रहे है, ऐसे में कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा पीडि़ताओं से अभद्रता से बात किया जाना बेहद दुःखद व खेद जनक है, पुलिस अधिकारियों का पीडि़ताओ के साथ सम्मानजनक तरीके से बात करना एवं उसका जवाब देना उनकी नैतिक जिम्मेदारी एवं दायित्व है।

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